Move to Jagran APP

गिरफ्तारी से बचने के लिए राजीव कुमार फिर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

शारदा चिटफंड मामले में पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट से यह अपील की है कि उन्हें कुछ दिन की और मोहलत दी जाए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 12:15 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 12:15 PM (IST)
गिरफ्तारी से बचने के लिए राजीव  कुमार फिर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
गिरफ्तारी से बचने के लिए राजीव कुमार फिर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सारधा चिट फंड घोटाले में पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ आइपीएस और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार गिरफ्तारी से बचने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। कुमार ने अर्जी दाखिल कर पश्चिम बंगाल में वकीलों की हड़ताल का हवाला देते हुए कोर्ट से गिरफ्तारी से छूट के सात दिन के समय को बढ़ाने की मांग की है।

loksabha election banner

सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को सीबीआइ की अर्जी स्वीकार करते हुए राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा ली थी लेकिन कुमार को अग्रिम जमानत के लिए सक्षम अदालत जाने का मौका देते हुए गिरफ्तारी पर रोक का आदेश सात दिन तक जारी रखा था। सात दिन की यह अवधि 24 मई को खतम हो रही है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ के सामने राजीव कुमार के वकील ने सोमवार को मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वकीलों की हड़ताल चल रही है इसलिए अदालतों में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। ऐसे में राजीव कुमार अग्रिम जमानत पाने के लिए कोर्ट नहीं जा सकते, इसलिए सुप्रीम कोर्ट उनकी गिरफ्तारी पर लगाई गई सात दिन की रोक की अवधि बढ़ा दे। वकील ने कहा कि सात में से चार दिन बीत चुके हैं। वकील की इन दलीलों पर पीठ ने कहा कि 17 मई का आदेश तीन न्यायाधीशों की पीठ का था। 'आप वकील हैं और आपको मालूम होगा कि प्रधान न्यायाधीश ही मास्टर ऑफ रोस्टर हैं (यानी कौन सा केस कौन सी पीठ सुनेगी, यह तय करते हैं)।' पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए उचित पीठ के गठन हेतु वे सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री या सेक्रेटरी जनरल से मिलें।

सारधा घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने से पहले राजीव कुमार पश्चिम बंगाल में इस घोटाले की जांच कर रही एसआइटी के मुखिया थे। सीबीआइ का आरोप है कि राजीव कुमार ने एसआईटी जांच के दौरान एकत्रित सभी साक्ष्य उसे नहीं सौंपे हैं। एजेंसी ने कुमार पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने और सारधा घोटाले में बड़े लोगों और नेताओं को बचाने का आरोप लगाया है। सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट से राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर रोक के पांच फरवरी के आदेश हटाने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने गत 17 फरवरी को स्वीकार कर लिया था और गिरफ्तारी से रोक हटा दी थी। 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.