विदेश नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सात और लोग गिरफ्तार, बेरोजगारों को बनाते थे निशाना
अमेरिका समेत दुनिया के अन्य देशों में नौकरी के नाम पर युवकों को जाल में फंसा कर अपहरण कर उनके परिवार वालों से फिरौती मांगने के मामले में पुलिस ने सात और लोगों को गिरफ्तार किया है।सोमवार दोपहर बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अमेरिका समेत दुनिया के अन्य देशों में नौकरी के नाम पर युवकों को जाल में फंसा कर अपहरण कर उनके परिवार वालों से फिरौती मांगने के मामले में पुलिस ने सात और लोगों को गिरफ्तार किया है। कोलकाता से सटे बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने गत दिनों इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। उन्हें दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
दो एजेंट समेत सात गिरफ्तार
सोमवार दोपहर को बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें चार दिनों की हिरासत में भेजा गया है। कुल मिलाकर गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इन सभी को सोमवार अपराह्न बिधाननगर कोर्ट में पेश किया गया। इनके चंगुल से 18 युवक बरामद किए गए थे। अब सोमवार को जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें दो एजेंट हैं।
केयरटेकर के अलावा चिकित्सक भी पकड़े गए
न्यूटाउन की जिस इमारत में युवकों को कैद रखा गया था उसके केयरटेकर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन और लोगों को पकड़ा गया है जो ब्रोकर का काम करते थे। न्यू टाउन टेक्नोसिटी थाना इलाके से गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा न्यू टाउन में जिस चिकित्सक के घर में इन सभी युवकों को गिरफ्तार कर रखा गया था उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
पंजाब और हरियाणा के युवकों को बनाते थे शिकार
बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग के डिप्टी कमिश्नर विश्वजीत घोष ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए लोग मूल रूप से पंजाब और हरियाणा के बेरोजगार युवाओं को अपना शिकार बनाते थे। खासकर पंजाब के ऐसे बच्चों को टारगेट करते थे जिनके आसपास के लोग विदेशों में रह रहे हैं। उन्हें मोटी रकम की वेतन वाली नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाते थे और वीजा आदि दिलाने के नाम पर कोलकाता ले आते थे।
पंजाब के हैं अधिकतर लोग
जिन 18 लोगों को इनके चंगुल से मुक्त कराया गया है उनमें से अधिकतर लोग पंजाब के हैं। विश्वजीत ने बताया कि एक दिन पहले सुरेश सिंह, राकेश प्रसाद सिंह और धीरज दास को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि मकान मालिक, ब्रोकर और एजेंट के साथ मिलकर ये युवाओं को घरों में बंद कर देते थे और उनके परिवार के सदस्यों से लाखों रुपये की फिरौती मांगने लगते थे। यहां तक कि घर के अंदर बंद किए गए युवाओं के साथ मारपीट भी होती थी।
एसआईटी गठन करने पर विचार
जिन लोगों को इनके चंगुल से छुड़ाया गया है उनका भी बयान रिकार्ड किया गया है और उनके परिजनों के साथ भी संपर्क रखा जा रहा है। इनके कई अन्य साथी हैं जो कोलकाता, पंजाब, हरियाणा, बिहार और अन्य राज्यों में फैले हुए हैं। इस अंतर राज्यीय टीम की शिनाख्त कर उनकी गिरफ्तारी के लिए एसआईटी गठित करने के बारे में विचार किया जा रहा है।
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