अगले माह सागरदिघी जाएंगे मंत्री शोभनदेव
- सुपर क्रिटिकल पावर प्लाट के निरीक्षण को करेंगे सागरदिघी का दौरा - कहा नवीनतम तकनीक
- सुपर क्रिटिकल पावर प्लाट के निरीक्षण को करेंगे सागरदिघी का दौरा
- कहा, नवीनतम तकनीक से लैस होगा सागरदिघी सुपर क्रिटिकल पावर प्लाट
जागरण संवाददाता, कोलकाता : राज्य के विद्युत मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय अगले महीने मुर्शिदाबाद के सागरदिघी में चल रहे सुपर क्रिटिकल पावर प्लाट के काम के निरीक्षण को जाएंगे। इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सागरदिघी में 660 मेगावाट के एक सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। यह प्लाट नवीनतम तकनीक से लैस होगा, ताकि प्लाट द्वारा उत्सर्जित जहरीली गैसों को न्यूनतम स्तर तक गिराया जा सके। यह संयंत्र कम ईंधन की खपत करेगा और पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित संशोधित उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के उद्देश्य से उत्सर्जन को सीमित करेगा। चट्टोपाध्याय ने कहा कि सागरदिघी में प्रस्तावित बिजली संयंत्र में कोयले की आपूर्ति से किसी भी कैप्टिव पावर प्लाटों को कोई समस्या नहीं होगी। बड़जोरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक और पंचवारा नॉर्थ ब्लॉक सहित तीन प्लाटों का संचालन शुरू हो गया है और ट्रास दामोदर भी दो-तीन दिनों के भीतर शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें सागरदिघी में थर्मल पावर प्लाट चलाने को कोल इंडिया से सप्लाई पर निर्भर रहना पड़ा और रेलवे के माध्यम से कोयले की ढुलाई से काम को पूरा करने में देरी जरूर हुई है। लेकिन अब कैप्टिव पावर प्लाट्स से ऑपरेशनल कोल सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं होगी। मंत्री ने कहा कि सागरदिघी में 1600 मेगावाट की कुल क्षमता वाली चार इकाइयां हैं और चौबीस घटे चलने वाली सभी इकाइयों को नियमित कोयले की आपूर्ति में दिक्कत आने से संचालन प्रभावित हो रही है। ऐसे में पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने थर्मल पावर प्लाटों के लिए उत्सर्जन की सीमा तय की है और इसलिए अब से राज्य में आने वाले हर थर्मल पावर प्लाट का सख्ती से पालन किया जाएगा, इसलिए सभी पावर प्लाटों को सुपर क्रिटिकल होने की जरूरत है।