West Bengal: बंगाल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का उत्तराधिकारी चुनने के लिए संघ भी हुआ सक्रिय
West Bengal वैकल्पिक नामों में इंग्लिश बाजार की विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी शामिल हैं। कुछ लोगों ने अनिर्बान को एक पारदर्शी छवि वाला चेहरा बताया है। पिछले दिनों जेपी नड्डा ने राज्य के अगले भाजपा अध्यक्ष को चुनने के लिए दिलीप घोष के पसंदीदा नामों को जानना चाहा था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर दिलीप घोष का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। बंगाल प्रदेश अध्यक्ष का उत्तराधिकारी चुनने के लिए संघ भी सक्रिय हो गया है। अगले प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू की गई। सूत्रों के मुताबिक, संघ के शीर्ष नेतृत्व ने नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए बंगाल के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे प्रचारकों की बैठक बुलाई है। हालांकि बैठक में भाजपा के अगले प्रदेश अध्यक्ष पर फैसला नहीं होगा।अंतिम फैसला भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व करेगा। आरएसएस के सह सरकार्यवाह वी भग्गैया ने गत दिनों कोलकाता के केशव भवन में एक बैठक की, जिसमें भाजपा के भविष्य के नेतृत्व पर चर्चा हुई। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री देबश्री चौधरी का नाम संघ की सूची में शीर्ष पर रहा।
वैकल्पिक नामों में इंग्लिश बाजार की विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी शामिल हैं। कुछ लोगों ने अनिर्बान गंगोपाध्याय को एक पारदर्शी छवि वाला चेहरा बताया है। पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य के अगले भाजपा अध्यक्ष को चुनने के लिए दिलीप घोष के पसंदीदा नामों को जानना चाहा था। सूत्रों के मुताबिक, चर्चा में बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार का नाम शीर्ष पर था। 24 अगस्त को दिल्ली में भाजपा और संघ की समन्वय समिति की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इसमें पश्चिम बंगाल में चर्चा हो सकती है।
गौरतलब है कि अपने बेबाक बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले बंगाल भाजपा अध्यक्ष व मेदनीपुर से सांसद दिलीप घोष का गुस्सा गत दिनों अपनी पार्टी के ही एक पार्षद के खिलाफ फूट पड़ा। खड़गपुर इलाके में जलजमाव की समस्या से जूझ रहे स्थानीय लोगों द्वारा भाजपा पार्षद के काम नहीं करने की शिकायत सुनकर घोष ने अपना आपा खो दिया और लोगों से कहा कि वह पार्षद के घर के सामने जाकर कचरा फेंके और शौच करें।घोष यही नहीं रुके, उन्होंने स्थानीय लोगों को यह सलाह भी दी कि वे भाजपा पार्षद को लैंप पोस्ट (पोल) से बांध दें। घोष की यह बात सुनकर स्थानीय लोग भी हैरान रह गए। खड़गपुर इलाका घोष का गढ़ माना जाता है और 2016 में पहली बार वे यहीं से विधायक चुने गए थे।