Move to Jagran APP

रिफंड को संपत्ति निपटान समिति में जा सकते हैं रोजवैली पीड़ित

-धोखाधड़ी के शिकार लोग हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति के पास जाने को स्वतंत्र

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 11:08 AM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 11:08 AM (IST)
रिफंड को संपत्ति निपटान समिति में जा सकते हैं रोजवैली पीड़ित
रिफंड को संपत्ति निपटान समिति में जा सकते हैं रोजवैली पीड़ित

-धोखाधड़ी के शिकार लोग हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति के पास जाने को स्वतंत्र

loksabha election banner

- रोजवैली घोटाले में ईडी अब तक 4,600 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति कर चुकी है कुर्क

जागरण संवाददाता, कोलकाता : रोजवैली चिटफंड घोटाले मामले की जाच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धोखाधड़ी का शिकार हुए निवेशकों से अपील की है कि वह अपना बकाया प्राप्त करने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से गठित संपत्ति निपटान समिति के पास जा सकते हैं। ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, जिन निवेशकों को कंपनी की तरफ से ऊंचे रिटर्न दिए जाने का वादा किया गया था वह समिति का रुख करने के लिए स्वतंत्र हैं। इस समिति का गठन 2015 में हाई कोर्ट की ओर से दिए गए सुझाव के बाद किया गया था। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर ईडी के अधिकारी ने बताया कि रोजवैली घोटाला मामले में अब तक ईडी ने 4,600 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति कुर्क की है। प्रवर्तन एजेंसी ने एक ही बार में दो दर्जन होटलों एवं रिजॉर्ट समेत 2,300 करोड़ रुपये कीमत की रोज वैली संपत्तियों को कुर्क किया था। यह इस मामले में हुई अब तक की सबसे बड़ी कुर्की है। इन संपत्तियों को सार्वजनिक नीलामी के जरिए बेचा जाना है और इससे मिली राशि से निवेशकों को भुगतान किया जाएगा। ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत 2014 में रोजवैली कंपनी, उसके प्रमुख गौतम कुंडू एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। एजेंसी ने 2015 में गौतम कुंडू को गिरफ्तार किया था। ईडी की तरफ से इस मामले में कोलकाता एवं भुवनेश्वर की अदालतों में कई आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। समूह ने चिटफंड घोटाले को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर कुल 27 कंपनिया दर्शाई थी, जिनमें से केवल छह काम कर रही थी। गौरतलब है कि रोजवैली घोटाला कई हजार करोड़ रुपये का घोटाला है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.