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कोलकाता रेप केस: संदीप घोष को कोर्ट ले जाते समय भीड़ ने जड़ा थप्पड़, चोर-चोर के नारे भी लगाए

Sandip Ghosh News आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल समेत चार लोगों को अदालत ने आठ दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। चारों लोगों को मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया था। संदीप घोष के सीबीआई दफ्तर से बाहर निकलते ही लोग उसे देखकर चोर-चोर चिल्लाने लगे। इस दौरान किसी ने थप्पड़ भी जड़ दिया। सीबीआई ने उसे सोमवार को गिरफ्तार किया था।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Tue, 03 Sep 2024 10:29 PM (IST)
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संदीप घोष को 8 दिन की हिरासत में भेजा गया

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वित्तीय अनियमितता के मामले में गिरफ्तार आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत चार लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चारों लोगों को मंगलवार को कोलकाता के अलीपुर कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने इन चारों को आठ दिन की हिरासत में भेज दिया है।

लोगों ने लगाए चोर-चोर के नारे, थप्पड़ जड़ा

अदालत जाने के लिए केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय से निकलने के दौरान घोष को देखकर लोगों ने चोर-चोर के नारे लगाए। तभी पीछे से किसी ने संदीप के सिर पर थप्पड़ जड़ दिया। हालांकि, इसके बाद पुलिस और केंद्रीय बलों ने तुरंत स्थिति पर काबू पा लिया। जब संदीप कार के साथ कोर्ट में दाखिल हुआ तो विरोध शुरू हो गया। कई लोग अपना गुस्सा कार के बोनट पर निकालते दिखे। कई लोगों ने कार के बोनट से खिड़की पर वार करना शुरू कर दिया। बता दें कि सीबीआई ने सोमवार को वित्तीय अनियमितता के मामले में घोष व उनके सुरक्षा गार्ड अफसर अली और दो विक्रेताओं बिप्लब सिंह व सुमन हाजरा को गिरफ्तार किया था।

संदीप घोष निलंबित

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को घोष को निलंबित कर दिया। अधिसूचना के मुताबिक यह कदम संदीप के खिलाफ आपराधिक मामले की जांच के मद्देनजर है। वहीं पश्चिम बंगाल ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (डब्ल्यूबीओए) नामक एक प्रमुख चिकित्सक संगठन ने मंगलवार को संदीप घोष की सदस्यता समाप्त कर दी।

क्या हैं संदीप घोष पर आरोप?

घोष पर टेंडरों को लेकर पक्षपात करने, मेडिकल ऑर्गेनिक कचरे की अवैध बिक्री और रुपये लेकर मेडिकल छात्रों को पास कराने जैसे गंभीर आरोप हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर एजेंसी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने घोष के खिलाफ 24 अगस्त को एफआईआर दर्ज कर इस मामले की भी जांच शुरू की थी।

अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। बंगाल की मतता सरकार ने अस्पताल के भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए 16 अगस्त को एसआईटी का गठन किया था। इसके एक दिन बाद ही हाई कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। हाई कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में 17 सितंबर को जांच से संबंधित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

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