राज्य के सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिला छठे वेतन का लाभ
- समान लाभ न मिलने से नाराज पेंशनरों के एक वर्ग ने लगाया आरोप - राज्य सरकार ने समस्या के समाधान
- समान लाभ न मिलने से नाराज पेंशनरों के एक वर्ग ने लगाया आरोप
- राज्य सरकार ने समस्या के समाधान का दिया आश्वासन : सूत्र जागरण संवाददाता, कोलकाता : नए साल की शुरुआत के साथ ही राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिश प्रभावी हो गई है। फरवरी में राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बढ़ा वेतन मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों को भी समान लाभ मिलने की बात कही गई थी, लेकिन राज्य सरकार के सेवानिवृत्त पेंशनरों के एक वर्ग ने आरोप लगाया गया है कि उन्हें जनवरी में छठे वेतन आयोग की सिफारिश पर बढ़ी हुई दर पर पेंशन नहीं मिली है। साथ ही दिसंबर माह की तरह ही इस माह भी उन्हें उसी दर पर पेंशन मिलने का संदेश मिला है। सूत्रों की मानें तो मामले के प्रकाश में आने के बाद राज्य सरकार की ओर से जल्द इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया है। उक्त मसले पर वेस्ट बंगाल गवर्नमेंट पेंशनर्स एंड सीनियर सिटीजन फोरम के महासचिव समीर रंजन मजुमदार ने कहा कि राज्य सरकार के कई पेंशनरों ने संगठन से संपर्क किया है। उन लोगों ने बताया कि उन्हें बढ़ी दर से पैसे मिलने की बात थी, लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिला है। दूसरी ओर संघर्ष समिति के महासचिव प्राणबंधु नाग ने कहा कि केएमडीए के कई पेंशन प्राप्तकर्ताओं को पूर्व निर्धारित पेंशन ही मिले हैं। उनकी पेंशन नहीं बढ़ी है। ये पेंशन प्राप्तकर्ता 2016 से पहले सेवानिवृत्त हो गए हैं। ऐसे में इनकी बढ़ी हुई पेंशन को लेकर कोई जटिलता नहीं थी। इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक वर्ग ने शिकायत की है कि उन्हें बकाया डीए नहीं मिला है। सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों को मूल वेतन के साथ घर किराया, चिकित्सा व महंगाई भत्ता को जोड़कर वेतन मिलना था। पिछले माह कर्मचारियों को अधिकतम 125 फीसद की दर से महंगाई भत्ता मिले हैं, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन से 17 फीसद कम है। वहीं पे स्लिप में डीए कॉलम रिक्त रहने का राज्य सरकार के कर्मचारियों ने विरोध किया है।