भोजनालयों में शराब बिक्री पर पाबंदी से कोलकाता के कई भोजनालयों के राजस्व में गिरावट
लॉकडाउन के मद्देनजर रेस्तरां में शराब की बिक्री पर जारी प्रतिबंध से शहर के कई आलीशान भोजनालयों के राजस्व में गिरावट आई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : लॉकडाउन के मद्देनजर रेस्तरां में शराब की बिक्री पर जारी प्रतिबंध से शहर के कई आलीशान भोजनालयों के राजस्व में गिरावट आई है। इसके अलावा, रात 9 बजे से शुरू होने वाले रात के कर्फ्यू ने उनके कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इस संबंध में होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के सचिव सुदेश पोद्दार ने कहा, "वर्तमान में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के कारण अधिकांश भोजनालयों को नुकसान हो रहा है।"रेस्तरां के लिए अपने कर्मचारियों को वेतन देना और एयर कंडीशनिंग खर्चों को पूरा करना मुश्किल होगा, जबकि कोरोनोवायरस के प्रकोप के कारण स्वच्छता की लागत कई गुना बढ़ गई है।
उनके अनुसार, महानगर के अधिकांश रेस्तरां के कुल राजस्व में शराब की बिक्री का योगदान 70-75 प्रतिशत है। हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार पहले ही दुकानों से शराब की बिक्री की अनुमति दे चुकी है। सरकारी आदेश के अनुसार रेस्तरां में बैठने के लिए केवल 50 प्रतिशत टेबल की अनुमति है। उम्मीद है कि सरकार इन प्रतिबंधों में ढील देगी। ऐसा नहीं होने पर कई रेस्तरां को अपने शटर डाउन करने पड़ सकते हैं। पोद्दार ने कहा कि एसोसिएशन ने पहले ही राज्य सरकार को पत्र लिखकर इन पहलुओं में ढील देने की मांग की है।
कोलकाता की सड़कों पर चलेंगी अब लंबी दूरी की बसें
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : लोगों की सुविधा के लिए कोलकाता की सड़कों पर अब लंबी दूरी की बसें भी चलेंगी। दरअसल कई कोलकाता-आधारित निजी बस संचालक सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए किराए में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। इसके साथ सड़कों पर बसों की संख्या कम होने के कारण लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग ने शहर में लंबी दूरी की निजी बसों को चलाने की अनुमति दे दी है जिससे कि यात्रियों की मांग को पूरा किया जा सके।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लंबी दूरी के बस ऑपरेटर लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से बेकार बैठे हैं और प्रतिबंधों में ढील के बावजूद कम मांग के कारण इंट्रा-स्टेट रूट पर अपनी सेवाओं को अभी तक दोबारा शुरू नहीं कर सके हैं। अधिकारी ने कहा कि लंबी दूरी के बस ऑपरेटरों ने कोलकाता में कई मार्गों पर वातानुकूलित बसों को चलाने और राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा तय किराए पर सहमति व्यक्त की है। माना जा रहा है कि इससे परिवहन विभाग और बस ऑपरेटरों दोनों को फायदा होगा।