Cyclone: सुंदरवन के चक्रवात प्रभावित परिवारों में वितरित की गईं राहत सामग्रियां
सुंदरवन के चक्रवात प्रभावित परिवारों में वितरित की गईं राहत सामग्रियां कुल 250 परिवारों के 2000 सदस्यों को मिली मदद। कोरोना के इस मुश्किल समय जरूरतमंदों की सेवा में भी सक्रिय है। फुटपाथ पर रहने वाले लोगों में भोजन बांटा जा रहा उन्हें इलाज भी मुहैया कराया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। कोलकाता की प्रमुख समाजसेवी संस्था श्रीश्री जानकी माता नेपाली धार्मिक संघ की ओर से चक्रवात 'यास' से प्रभावित हुए सुंदरवन के लोगों में राहत सामग्रियां वितरित की गईं। संस्था के संरक्षक अरुण पांडेय के नेतृत्व में एक टीम ने सुंदरवन के पाखिलया गांव जाकर वहां के 250 चक्रवात प्रभावित परिवारों में खाने-पीने की चीजें, दवाइयां, मास्क, सैनिटाइजर फिनायल, ब्लीचिंग पाउडर, साबुन इत्यादि बांटे। बच्चों के लिए पाउडर दूध भी दिया गया।
इस टीम में संस्था के सभापति गुंज दास श्रेष्ठ, सलाहकार मोहन कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष धन बहादुर भुसाल, हित बहादुर खड़का, अनिल पांडेय, दिलीप श्रेष्ठ, जगत थापा जीत, कमल लुगेंली, अंकित पांडेय सूरज छेत्री, कौशिक मिश्रा, संदीप श्रेष्ठ, राज छेत्री, संस्था की महिला समिति की प्रमुख सलाहकार शर्मिला पांडेय, सचिव रमिता कार्की सिंह, रूपा पांडेय, पिंकी छेत्री, संतोषी सिंह, अनिता छेत्री, श्वेता छेत्री, गुनगुन पांडेय और अर्चना खड़का शामिल थे।
सभापति गुंज दास श्रेष्ठ ने कहा-'मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। जरूरत के समय अगर एक इंसान दूसरे इंसान के काम नहीं आएगा तो फिर हमारे इंसान कहलाने का क्या मतलब रह जाएगा? हमारी संस्था जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा आगे रहती है। हमारी कर्मठ टीम पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ इसमें जुटी रहती है।'
गुंज दास श्रेष्ठ ने आगे कहा-'सुंदरवन में 250 परिवारों के कुल 2000 सदस्यों में राहत सामग्रियां वितरित की गईं।हम आगे भी चक्रवात प्रभावितों को मदद पहुंचाने का प्रयास जारी रखेंगे। इसके साथ ही हमारी संस्था कोरोना के इस मुश्किल समय जरूरतमंदों की सेवा में भी सक्रिय है। फुटपाथ पर रहने वाले लोगों में भोजन बांटा जा रहा है और उन्हें इलाज भी मुहैया कराया जा रहा है। जरूरतमंदों के लिए संस्था की तरफ से खून की भी व्यवस्था की जा रही है। नि:शुल्क सैनिटाइजर व मास्क भी वितरित किए जा रहे हैं। कोरोना की पहली लहर के समय भी संस्था के पदाधिकारी व सदस्य बेहद सक्रिय थे।'