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Bengal News: दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता के भाटपाड़ा की रिलायंस जूट मिल बंद, 4500 मजदूर बेरोजगार

नोटिस के मुताबिक रिलायंस जूट मिल्स को बंद करने का फैसला कर्मचारियों के असंतोष को देखते हुए लिया गया। इस बीच दुर्गा पूजा की पूर्व संध्या पर जूट मिल के बंद होने से कर्मचारी नाराज हो गए। उन्होंने जूट मिल के सामने सड़क जाम कर विरोध किया।

By JagranEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Tue, 27 Sep 2022 08:37 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 08:37 PM (IST)
Bengal News: दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता के भाटपाड़ा की रिलायंस जूट मिल बंद, 4500 मजदूर बेरोजगार
कर्मचारियों के असंतोष को देखते हुए मिल प्रबंधन ने लिया फैसला।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा स्थित रिलायंस जूट मिल को फिर से बंद कर दिया गया। दुर्गा पूजा के दौरान चार हजार श्रमिकों की नौकरी चली गई। कार्य स्थगन के नोटिस को लेकर श्रमिकों ने मिल के गेट के सामने सडक़ जाम कर धरना जारी रखा।

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रिलायंस जूट मिल

दरअसल इस समय रिलायंस जूट मिल के स्वामित्व हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। इस साल की शुरुआत में रिलायंस जूट मिल में करीब तीन महीने तक उत्पादन बंद रहा। हालांकि जूट मिल कुछ महीने पहले खुली। काम जोरों पर चल रहा था। सुबह की तरह मजदूर रोज की तरह काम पर आ गए। लेकिन तब तक अधिकारियों ने गेट पर कार्य स्थगन का नोटिस टांग दिया।

जूट मिल के बंद होने से कर्मचारी नाराज

नोटिस के मुताबिक रिलायंस जूट मिल्स को बंद करने का फैसला कर्मचारियों के असंतोष को देखते हुए लिया गया। इस बीच दुर्गा पूजा की पूर्व संध्या पर जूट मिल के बंद होने से कर्मचारी नाराज हो गए। उन्होंने जूट मिल के सामने सड़क जाम कर विरोध किया। जाम के कारण यातायात बाधित रहा। अंतत: पुलिस ने आकर स्थिति को नियंत्रित किया।

सिर्फ रिलायंस जूट मिल्स ही नहीं, बल्कि हुगली इंडस्ट्रियल एरिया में एक जूट मिल पिछले साल के मध्य से बंद है। इस साल के पहले दिन हुगली के चंदननगर में गोंदलपाड़ा जूट मिल बंद हो गई थी। इससे पहले बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह राज्य में जूट श्रमिकों की दुर्दशा को लेकर केंद्र को पत्र दिया था। उन्होंने केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधा था।

उन्होंने राज्य में जूट मिलों के भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र भी लिखा था। उसके बाद अर्जुन भाजपा छोडक़र अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल में लौट आए। वह कैमैक स्ट्रीट कार्यालय में अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए।

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