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रत्ना ने छोड़ी जिम्मेदारी, पति शोभन के तृंका में लौटने की संभावना बढ़ी

-तृणमूल कांगेस ने गत आठ मार्च को ही रत्‍‌ना चटर्जी को बेहला पूर्व विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दे

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 08:18 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 08:18 PM (IST)
रत्ना ने छोड़ी जिम्मेदारी, पति शोभन के तृंका में लौटने की संभावना बढ़ी
रत्ना ने छोड़ी जिम्मेदारी, पति शोभन के तृंका में लौटने की संभावना बढ़ी

-तृणमूल कांगेस ने गत आठ मार्च को ही रत्‍‌ना चटर्जी को बेहला पूर्व विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी देते हुए कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया था

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राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता के पूर्व मेयर व भाजपा नेता शोभन चटर्जी की पत्‍‌नी रत्‍‌ना चटर्जी ने शनिवार को बेहला पूर्व विधानसभा क्षेत्र के कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी को छोड़ने की घोषणा की। तृणमूल कांगेस ने आठ मार्च को ही उन्हें इस पद पर नियुक्त किया था। रत्ना के इस फैसले से उनके पति व भाजपा नेता शोभन चटर्जी के तृणमूल में लौटने की संभावनाएं बढ़ गयी हैं।

इधर, रत्ना चटर्जी ने कहा कि बेहला पूर्व क्षेत्र में निकाय चुनाव या आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टी नेताओं के साथ समन्वय का काम एक साथ देखना बहुत मुश्किल है। इस जिम्मेदारी को मैं शायद ठीक से नहीं निभा पाऊं। इसलिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और नहीं ही किसी के अन्य दबाव में बल्कि पद छोड़ने का यह मेरा निजी फैसला है।

बताते चलें कि निकाय चुनाव से पहले शोभन के तृणमूल में फिर से शामिल होने को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थी। पिछले साल भाई फोटा (भैया दूज) के दिन भी शोभन ममता से आर्शीवाद लेने गए थे। साथ ही भाजपा में शामिल होने के बावजूद वे कभी उस तरह तृणमूल के खिलाफ हमलावर नहीं दिखे। ऐसे में उनके पाला बदलने की काफी अटकलें थीं।

गौरतलब है कि शोभन बेहला पूर्व सीट से फिलहाल विधायक हैं और पत्‍‌नी रत्‍‌ना के साथ तलाक का मामला अदालत में चल रहा है। पत्‍‌नी रत्‍‌ना के साथ विवाद और महिला दोस्त बैशाखी बनर्जी के साथ नजदीकी के चलते ही शोभन को मंत्री व मेयर का पद गंवाना पड़ा था। एक समय वह तृणमूल के कद्दावर नेताओं और ममता के सबसे करीबियों में शामिल थे। पिछले साल अगस्त में महिला दोस्त बैशाखी के साथ शोभन भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन वहां कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिलने के कारण वे कभी सक्रिय नहीं दिखे। अब इस घटनाक्रम के बाद उनके तृणमूल में लौटने के मार्ग और प्रशस्त हो गए हैं।


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