Bengal : बंगाल सरकार के कार्यालय में रखीं दुर्लभ तस्वीरें, कलाकृतियां संग्रहालय में रखी जाएंगी : बिप्लब राय
राय ने कहा कि हम इन कलाकृतियों को रखने के लिए एक उचित इमारत की तलाश में हैं। मैं कलकत्ता उच्च न्यायालय से बातचीत कर रहा हूं। उम्मीद है कि प्रस्तावित संग्रहालय के बारे में निर्णय लिया जाएगा और इस संबंध में बहुत जल्द घोषणा की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता में सचिवालय की इमारत में रखी भाप से चलने वाली रेलगाड़ियों और हुगली नदी पर बने पुल दुर्लभ की तस्वीर, 19वीं सदी के दुर्लभ दस्तावेज, किताबें और व्यक्तिगत सामान जल्द ही यहां एक संग्रहालय में रखे जा सकते हैं। महाप्रशासक व सरकारी ट्रस्टी बिप्लब राय ने कहा कि अब बंगाल के महाप्रशासक व सरकारी ट्रस्टी के कार्यालय के पास और दुर्गम स्टोर-रूम में रखे गए इन सामान को जल्द ही एक भंडार में रखा जाएगा। राय ने कहा कि हम इन कलाकृतियों को रखने के लिए एक उचित इमारत की तलाश में हैं। मैं कलकत्ता उच्च न्यायालय से बातचीत कर रहा हूं। उम्मीद है कि प्रस्तावित संग्रहालय के बारे में निर्णय लिया जाएगा और इस संबंध में बहुत जल्द घोषणा की जाएगी।
1919 की पुस्तक को नई जगह पर रखा जाना
हुगली नदी पर हावड़ा ब्रिज से पहले बने एक पुल की तस्वीर, 1880 में प्रतिष्ठित आइसीएस परीक्षा में बंगाल प्रेसीडेंसी से टापर रहे पाल ग्रेगरी मेलिटस को जारी किया गया एक प्रमाण पत्र, हालवेल स्मारक की एक हाथीदांत प्रतिकृति, स्पेनिश फ्लू संक्रमण के प्रकोप के दौरान सार्वजनिक स्वच्छता पर एक भारतीय डाक्टर द्वारा लिखी गई 1919 की पुस्तक को नई जगह पर रखा जाना है।
सस्ती कलाकृतियां उपलब्ध कराने के लिए
राय ने कहा कि उनका कार्यालय राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्राचीन वस्तुओं को बरामद करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय आधुनिक कला केंद्र (सीआइएमए) आर्ट गैलरी ने लोगों को सस्ती कलाकृतियां उपलब्ध कराने के लिए कोलकाता में तीन दिवसीय एक कला मेला आयोजित किया।
धारणा है कला अभिजात वर्ग के लोगों के लिए
सह-संरक्षक प्रतीति बसु सरकार ने इसके पीछे की अवधारणा की चर्चा करते कहा कि यह प्रसिद्ध गैलरी इस मान्यता को तोडऩा चाहती है कि कलाकृतियां केवल अभिजात वर्ग के लिए ही हैं। बसु ने कहा, दरसअल लोगों के बीच ऐसी धारणा है कि कला अभिजात वर्ग के लोगों के लिए है, लेकिन हम इस धारणा को तोडऩा चाहते हैं। हर साल नवंबर के एक सप्ताहांत में होने वाले इस उत्सव में पानी के रंग के कैनवस से लेकर लकड़ी के काम, टेराकोटा की मूर्तियां और लोक कला सहित कई तरह की कलाकृतियां प्रदर्शित की जाती हैं।