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Ram Mandir Bhumi Pujan: कोलकाता में हुई जीवंत राम-सीता की पूजा अर्चना !

पांचवी कक्षा के छात्र-छात्रा को राम-सीता के रूप में सजाया गया चढ़ाया गया 56 तरह का भोग

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 03:41 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 03:46 PM (IST)
Ram Mandir Bhumi Pujan: कोलकाता में हुई जीवंत राम-सीता की पूजा अर्चना !
Ram Mandir Bhumi Pujan: कोलकाता में हुई जीवंत राम-सीता की पूजा अर्चना !

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस समय अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के लिए भूमि पूजन कर रहे थे, ठीक उसी समय कोलकाता के एक मंदिर में जीवंत राम-सीता की पूजा-अर्चना चल रही थी। स्थानीय एक भाजपा नेता ने इसका आयोजन कराया था।

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दक्षिण कोलकाता के आरफनगंज रोड के पास स्थित राम मंदिर में विधिवत यह अनुष्ठान संपन्न हुआ। पांचवी कक्षा के छात्र-छात्रा को राम-सीता के वेश में सजाया गया था। मंदिर में यज्ञ का भी आयोजन किया गया था। पुरोहितों ने पूरे नियमों के साथ राम-सीता की पूजा अर्चना की। उन्हें 56 तरह का भोग भी चलाया गया, जिनमें लड्डू, बुंदिया, तरह-तरह की मिठाइयां, आलू दम, पुलाव इत्यादि शामिल थे।

पूजा संपन्न होने के बाद जमकर आतिशबाजी भी की गई। मंदिर 'जय श्रीराम' के नारों से गूंज उठा था। ये सारा कुछ ऐसे समय हुआ, जब बंगाल में ममता सरकार की तरफ से घोषित अगस्त महीने का पहला लॉकडाउन चल रहा था। अनुष्ठान का आयोजन करने वाले भाजपा नेता राकेश सिंह ने कहा-' हमने कोरोना महामारी के मद्देनजर शारीरिक दूरी के नियमों और लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करते हुए इसका आयोजन किया।

पूजा में गिने-चुने लोग ही शामिल हुए।' सिंह ने आगे कहा-' 500 वर्ष बाद आज हिंदुत्व का सपना पूरा हुआ है। प्रत्येक हिंदू के लिए यह आनंद का दिन है इसलिए हमने मूर्ति के बदले जीवंत राम-सीता की पूजा-अर्चना की। पूजा में बच्चों को शामिल करने का उद्देश्य यह भी था कि आने वाली पीढ़ी हिंदू धर्म के बारे में जाने। अब हम सभी अयोध्या में जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण होते देखना चाहते हैं।'

इस अनुष्ठान को देखते हुए पुलिस की तरफ से मंदिर परिसर के चारों तरफ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि किसी तरह की अशांति न हो। कोलकाता के सभी राम मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की गई थी।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राजभवन में घी के दीए जलाकर जश्न मनाया था। राज्यपाल ने कहा था कि यह ऐतिहासिक दिन है और हरेक भारतीय के लिए गर्व व सम्मान का क्षण है। 500 साल की तपस्या के बाद सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। 


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