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सत्यजीत रे को मुंबई ले जाने को बेताब थे राज कपूर, खाली चेक देकर ऑफर की थी मुंहमांगी रकम

Happy Birthday Satyajit Ray हिंदी फिल्म जगत के शोमैन राज कपूर महान फिल्मकार सत्यजीत रे की फिल्म पथेर पांचाली से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें मुंबई ले जाने को उतावले थे

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 09:14 PM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 09:14 PM (IST)
सत्यजीत रे को मुंबई ले जाने को बेताब थे राज कपूर, खाली चेक देकर ऑफर की थी मुंहमांगी रकम
सत्यजीत रे को मुंबई ले जाने को बेताब थे राज कपूर, खाली चेक देकर ऑफर की थी मुंहमांगी रकम

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता : हिंदी फिल्म जगत के 'शोमैन' राज कपूर महान फिल्मकार सत्यजीत रे की कालजयी फिल्म 'पथेर पांचाली' से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्हें मुंबई ले जाने को उतावले हो गए थे। सत्यजीत रे को मनाने राज कपूर खुद अभिनेत्री नरगिस के साथ उनके घर पहुंच गए थे और खाली चेक देकर मुंहमांगी रकम भरने की पेशकश कर डाली थी, लेकिन सत्यजीत रे मुंबई जाने को तैयार नहीं हुए। ऑस्कर जयी फिल्मकार पर पहली 'क्राउड सोर्स्ड' डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाने वाली शुभा दास मल्लिक ने यह अनकही बात साझा की।

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सत्यजीत रे के परिवार के करीब रहीं 62 साल की शुभा दास ने बताया-'सत्यजीत रे और मेरे पिता मनोजेंदु मजुमदार अच्छे मित्र थे। उन्होंने अक्टूबर, 1947 में दो अन्य लोगों चिदानंद दासगुप्ता और पुर्णेंदु नारायण के साथ मिलकर कलकत्ता फिल्म सोसाइटी की स्थापना की थी। बचपन में मेरा सत्यजीत रे के घर खूब आना-जाना था। कॉलेज के दिनों में एक बार जब मैं अपने पिता के साथ उनके 1/1, बिशप लेफ्राय रोड स्थित घर गई थी, उसी समय सत्यजीत रे ने मेरे पिता को राज कपूर वाला किस्सा सुनाया था।' शुभा ने आगे कहा-'उस समय बांग्ला फिल्म उद्योग की हालत अच्छी नहीं थी, फिर भी सत्यजीत रे के प्राण बांग्ला फिल्मों में ही बसते थे और वे कलकत्ता छोड़कर मुंबई जाना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने इतना बड़ा ऑफर ठुकरा दिया था।'  

सत्यजीत रे पर पहली 'क्राउड सोर्स्ड' डॉक्युमेंट्री   

शुभा दास ने बताया-'सत्यजीत रे पर यूं तो ढेर सारी डॉक्युमेंट्री फिल्में बनी हैं, लेकिन यह पहली 'क्राउड सोर्स्ड' डॉक्युमेंट्री है, जिसे कहीं जाकर शूट नहीं किया गया। यह पूरी तरह घर बैठे बनी है।  इसकी वजह लॉकडाउन है।   हम २ मई को सत्यजीत रे की जन्मशतवार्षिकी के उपलक्ष में एक डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाना चाहते थे।शूटिंग की सारी तैयारी भी हो गई थी, लेकिन इसी बीच लॉकडाउन हो गया। हमने सोचा कि सोशल प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर इसे तैयार किया जाए। हमने सोशल मीडिया पर लोगों से संपर्क करके सत्यजीत रे पर उनके विचार वीडियो क्लिप के रूप में भेजने को कहा। इनमें शिक्षक, छात्र, संगीतकार, फिल्मकार से लेकर समाज के विभिन्न वर्गों और पेशे से जुड़े लोग शामिल हैं। बहुत से ऐसे लोग भी है, जो सत्यजीत रे के संपर्क में रहे हैं।'महाराज शतवर्षे तोमाके सेलाम' शीर्षक वाली यह डॉक्युमेंट्री फिल्म सत्यजीत रे के जीवन, उनके व्यक्तित्व, उनकी फिल्मों, फिल्म निर्माण के तरीके, उनकी फिल्मों के किरदारों, उनकी लेखनी, साहित्य से उनके जुड़ाव, कला की समझ और संगीत की परख का निचोड़ है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म तीन भाग में है। पहला भाग सत्यजीत रे की जन्म शतवार्षिकी पर सोशल मीडिया पर प्रदर्शित होगा, जो २० मिनट का है। बाकी दो भाग एक-एक सप्ताह के अंतराल में प्रदर्शित होंगे। इसे सायंतन मुखर्जी ने संपादित किया है।'


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