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Pranab Mukherjee : चार बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालने वाले एकमात्र केंद्रीय मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी

Pranab Mukherjee इंदिरा गांधी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकारों में विदेश वित्त रक्षा और वाणिज्य मंत्रालयों का बखूबी देखा कामकाज।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 08:54 PM (IST)
Pranab Mukherjee : चार बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालने वाले एकमात्र केंद्रीय मंत्री रहे प्रणब  मुखर्जी
Pranab Mukherjee : चार बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालने वाले एकमात्र केंद्रीय मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता : भारत रत्न प्रणब मुखर्जी देश के एकमात्र ऐसे केंद्रीय मंत्री रहे, जिन्होंने रक्षा, विदेश, वित्त और वाणिज्य जैसे चार बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालयों को बखूबी संभाला। प्रणब तीन बार वाणिज्य मंत्री, दो-दो बार विदेश व वित्त मंत्री और एक बार रक्षा मंत्री के पद पर रहे। इंदिरा गांधी की सरकार में उन्होंने दो व पीवी नरसिम्हा राव के जमाने में एक बार वाणिज्य मंत्री का पदभार संभाला। 

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इंदिरा गांधी व मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व में एक-एक बार वित्त मंत्री रहे। पीवी नरसिम्हा राव व मनमोहन सिंह के शासनकाल में एक-एक बार विदेश मंत्री की जिम्मेदारी निभाई और मनमोहन सिंह के शासनकाल में एक बार रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला। मनमोहन सिंह के शासनकाल में उन्होंने सर्वाधिक तीन मंत्रालय संभाले जबकि इंदिरा गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री रहते दो-दो मंत्रालय संभाले।

प्रणब बतौर वित्त मंत्री रहे सबसे प्रभावी

प्रणब ने यूं तो सभी मंत्रालयों का कामकाज बखूबी संभाला लेकिन वित्त मंत्री के तौर पर उनके कामकाज को सबसे प्रभावी माना जाता है। प्रणब ऐसे एकमात्र वित्त मंत्री रहे हैं,  जिन्होंने सात बार आम बजट पेश किया। 1984 में प्रणब को 'यूरोमनी' नामक पत्रिका की तरफ से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वित्तमंत्री के खिताब से नवाजा गया था। 2010 में एक अखबार की तरफ से उन्हें 'फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ द ईयर फॉर एशिया' के खिताब से सम्मानित किया गया था।

बतौर वाणिज्य मंत्री ही की थी शुरुआत

प्रणब  ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में सबसे पहले वाणिज्य मंत्री के तौर पर शुरुआत की थी। वे पहली बार 1980 से 1982 तक वाणिज्य मंत्री रहे। उसके बाद 1984 में दूसरी बार यह पदभार संभाला। 1993 से 1995 तक  वे पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में तीसरी बार वाणिज्य मंत्री बने। 1982 में वे पहली बार इंदिरा सरकार में ही वित्त मंत्री बने थे। उन्होंने 1982-1983 में अपना पहला आम बजट पेश किया था। 1982 में जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बने थे, तब उनके नियुक्ति पत्र पर प्रणब ने ही हस्ताक्षर किए थे। 

दूसरी बार देश के वित्त मंत्री बने थे प्रणब 

2004 में कांग्रेस के फिर से सत्ता में आने के बाद मनमोहन सिंह की सरकार में प्रणब दूसरी बार देश के वित्त मंत्री बने थे। मनमोहन सरकार में ही वे पहली बार देश के रक्षा मंत्री बने और 2004 से 2006 तक उन्होंने यह पदभार संभाला। प्रणब 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में पहली बार विदेश मंत्री बने। विदेश मंत्री के तौर पर उनका दूसरा कार्यकाल 2006 में मनमोहन सरकार में शुरू हुआ।


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