बंगाल भाजपा के संगठन महासचिव अमिताभ चक्रवर्ती के खिलाफ अब कोलकाता में लगे पोस्टर, पीके के साथ लगा सांठगांठ का आरोप
सांगठनिक फेरबदल के बाद से पार्टी में लगातार तेज हो रही बगावत की आवाजें। कोलकाता में चक्रवर्ती के खिलाफ पोस्टर मिला और इसमें उनपर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी पीके का दलाल होने का आरोप लगाया गया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पिछले साल बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार एवं नए प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार द्वारा हाल में नई राज्य व जिला कार्यकारिणी के गठन व बड़े स्तर पर सांगठनिक फेरबदल के बाद से पार्टी में लगातार बगावत की आवाजें तेज हो रही है। पार्टी के कई नेता व विधायक इसके विरोध में वाट्सऐप ग्रुप छोड़ चुके हैं, तो अब पार्टी के संगठन महासचिव अमिताभ चक्रवर्ती के खिलाफ भी आवाज उठने लगी हैं।
सोमवार को कोलकाता में चक्रवर्ती के खिलाफ पोस्टर मिला और इसमें उनपर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी पीके का दलाल होने का आरोप लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक, कोलकाता में प्रदेश मुख्यालय के पास सड़क के किनारे ही यह पोस्टर मिला। बता दें कि इससे पहले हाल में बनगांव से सियालदह जाने वाली लोकल ट्रेन के डिब्बे में भी चक्रवर्ती के खिलाफ पोस्टर चिपका हुआ मिला था। इसमें उनकी गिरफ्तारी तक की मांग की गई थी।
दरअसल, कुछ दिनों पहले चक्रवर्ती के नाम से एक फेसबुक पोस्ट को लेकर अफवाह फैली थी। फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया था कि अमिताभ चक्रवर्ती ने कथित रूप से भाजपा की वर्चुअल मीटिंग में स्वीकार किया कि वह पीके की टीम से बात कर रहे थे। यह पोस्ट वायरल हो गया और पार्टी में हड़कंप मच गया था। घटना के कुछ देर बाद ही चक्रवर्ती की गिरफ्तारी की मांग वाला पोस्टर ट्रेन में चिपका मिला था।
बता दें कि चक्रवर्ती के खिलाफ इससे पहले भी समय-समय पर विरोध के स्वर सुनाई देते रहे हैं। विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले ही उन्हें संगठन महासचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। इस बीच सांगठनिक फेरबदल के बाद से प्रदेश संगठन के शीर्ष नेताओं की भूमिका को लेकर जमीनी स्तर पर गुस्सा बढ़ रहा है। ऐसे में संगठन महासचिव चक्रवर्ती के खिलाफ भी पार्टी नेता अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
सांगठनिक फेरबदल के बाद से पार्टी के भीतर मचा है घमासान
बता दें कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद से बंगाल में पार्टी के कई विधायक और नेता पार्टी भी छोड़ चुके हैं। हालांकि कई टीम में हैं, लेकिन वे शीर्ष नेतृत्व पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। वहीं, सांगठनिक फेरबदल के बाद से पार्टी के भीतर बागी नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। हाल में बनगांव से सांसद व केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी पार्टी का वाट्सऐप ग्रुप छोड़ दिया था। उससे पहले भी कई नेता ग्रुप छोड़ चुके हैं। उसके बाद उन्हें मनाने की लगातार कोशिश चल रही है।
शांतनु ठाकुर ने हाल में बागी नेताओं के साथ बैठक भी की थीं और इसमें प्रदेश नेतृत्व के साथ नाराजगी के बारे में खुलकर बात रखी थीं। शांतनु ठाकुर, प्रताप बंद्योपाध्याय, रितेश तिवारी, जय प्रकाश मजूमदार, सायंतन बसु सहित कई नेता पार्टी के प्रदेश संगठन में फेरबदल की मांग को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से भी मिल सकते हैं।