Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में अब तृणमूल के गैर बंगाली कार्ड पर गरमाई सियासत
तृणमूल ने कहा-बंगाल की जनता पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं बाहरी लोग भाजपा का पलटवार कहा-बाहरी का ठप्पा लगा कर अपनी कारतूतों को छिपाना चाहती है तृणमूलदूसरे राज्यों में बंगाल के 40 लाख श्रमिकों कोई बाहरी कह कर लौट जाने कहे तो क्या दीदी उन्हें नौकरी देंगी?
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल का सियासी पारा चढ़ने लगा है। राज्य में तेजी से उभर रही भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल तृणमूल ने अब बाहरी तथा गैर बंगाली कार्ड खेला है।इस पर सियासत गरमा गई है। पिछले दिनों तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा था कि कुछ बाहरी बंगाल पर राज करना चाहते हैं। अब ममता के ही एक मंत्री ब्रात्य बसु ने भाजपा को बाहरी तथा बंगाली विरोधी कहते हुए तीखी आलोचना की है।
इधर भाजपा का कहना है कि हार के भय से तृणमूल की तरफ से इस तरह के अनाप-शनाप बयान आ रहेे हैं।
पिछले दिनों ममता ने कहा था कि बाहर से बदमाशों को लाकर राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश हो रही है। कुछ बाहरी लोग बंगाल की सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। अब ममता के ही एक मंत्री ब्रात्य बसु ने शुक्रवार को विवादास्पद बयान देते हुए गैर बंगाली के मुद्दे पर ममता की तुलना महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से कर डाली है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह नेताजी ने कांग्रेस छोड़ने के बाद फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया और उसके बाद गैर बंगाली ताकतों ने मिलकर उन्हें फिर उठने नहीं दिया। ठीक इसी प्रकार कांग्रेस छोड़ने ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की नींव रखी और उसके बाद गैर बंगाली शक्तियां ममता को खत्म करना चाहती हैं। शनिवार को तृणमूल सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि भाजपा ''बंगाली विरोधी'' है। बाहरी लोग बंगाल की जनता पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य की जनता ''गैर-बंगाली बाहरियों'' के प्रभुत्व को कभी स्वीकार नहीं करेगी।
भाजपा ने कहा- बाहरी का ठप्पा लगा कर तृणमूल अपनी कारतूतों को छिपाना चाहती है :
तृणमूल पर पलटवार करते हुए शनिवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा नेताओं पर ‘बाहरी’ का ठप्पा लगा कर तृणमूल कांग्रेस अपनी कारतूतों को छिपाना चाहती है। घोष ने कहा कि बंगाल के 40 लाख श्रमिक दूसरे राज्यों में काम करते हैं। यदि उन्हें कोई बाहरी कहे और बंगाल लौट जाने को कहे, तो क्या दीदी उन्हें नौकरी देंगी? घोष ने कहा कि तृणमूल नेता केडी सिंह असम के थे।
सिमी के संस्थापक हसन इमरान भी बाहर से थे। लेकिन तृणमूल ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया। अभिषेक मनु सिंघवी भी तृणमूल कांग्रेस की मदद से राज्यसभा सदस्य चुने गए। पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर बाहर के हैं।