दुष्कर्म कांड पर बंगाल में गरमाई सियासत, तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने केंद्र व बीएसएफ को घेरा
घोष ने पिछले साल केंद्र द्वारा बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने का भी जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र बीएसएफ के जरिए राज्य पर अपना अधिकार बढ़ा रही है। इसका परिणाम है कि सीमा पर एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जा रहा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास अवैध तरीके से सीमा पार करने का प्रयास कर रही एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवानों की गिरफ्तारी के बादराज्य में सियासत भी गरमा गई है। बीएसएफ पर हमलावर रहने वाली राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस घटना के बाद केंद्र व बीएसएफ को घेरते हुए घटना की कड़ी निंदा की है। तृणमूल के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लालकिले से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में महिला सुरक्षा की बात कर रहे हैं, और दूसरी तरफ, सीमा पर क्या हो रहा है? उन्होंने केंद्रीय बलों के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की देखरेख में जिस तरह इनका गलत इस्तेमाल हो रहा है, उसमें रक्षक भक्षक होता जा रहा है।
उन्होंने घोषणा की कि घटना के खिलाफ रविवार को तृणमूल का एक प्रतिनिधिमंडल बागदा में घटनास्थल का दौरा करेगी। तृणमूल वहां एक विरोध रैली भी निकालेगी। घोष ने पिछले साल केंद्र द्वारा बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने का भी जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र बीएसएफ के जरिए राज्य पर अपना अधिकार बढ़ा रही है, और इसका परिणाम है कि सीमा पर एक मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जा रहा है। उन्होंने इसी के साथ आरोप लगाया कि भाजपा के लोग मवेशी व कोयला तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं। घोष ने सवाल किया कि सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है, फिर मवेशी तस्करी जैसी घटनाएं क्यों हो रही है।
वहीं, तृणमूल की महिला सांसदों व मंत्रियों ने भी केंद्र पर निशाना साधते हुए इस घटना को अस्वीकार्य बताया है। राज्य की महिला व शिशु कल्याण मंत्री एवं तृणमूल की वरिष्ठ नेता डा शशि पांजा ने ट्वीट कर कहा- प्रधानमंत्री मोदी की निगरानी में भारतीय महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। प्रधानमंत्री नारी शक्ति और महिलाओं के सम्मान पर लंबा भाषण देते हैं जबकि वास्तविकता बहुत अलग है। मोदी जी आप किसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं?
वहीं, तृणमूल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा- रक्षा और अर्धसैनिक बल जो हमारी रक्षा करते रहे हैं, वे अब जघन्य अपराध कर रहे हैं। एक महिला से दुष्कर्म पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हम इस तरह के गलत कामों के गहन जांच और सजा की मांग करते हैं। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इस दुष्कर्म कांड पर कहा कि कश्मीर में सेना के खिलाफ इस तरह के झूठे आरोप लगाए जाते रहे हैं। मगर यदि बीएसएफ वाली घटना सच है तो दुखदायी है।
आरोपितों जवानों को सात दिन की पुलिस हिरासत
इधर, युवती से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार दोनों बीएसएफ जवानों को शनिवार को बनगांव अनुमंडल अदालत ने सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। बीएसएफ की 68वीं बटालियन के आरोपित कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन और सहायक उप-निरीक्षक (एएसआइ) एसपी चेरू को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, यह घटना बागदा थाना अंतर्गत जीतपुर सीमा चौकी इलाके में गुरुवार देर रात में घटी। आरोप है कि 23 वर्षीय युवती जब अपने बच्चे के साथ गैरकानूनी तरीके से सीमा पार करके बांग्लादेश जा रही थी, तभी पूछताछ करने की आड़ में दोनों जवानों द्वारा उसे पकड़कर जूट के खेत में ले जाकर कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। बीएसएफ ने दोनों आरोपित जवानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है।