एनआरसी गैर वाजिब : मंदाक्रांता सेन
- कवयित्री मंदाक्रांता सेन के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंच की राज्यपाल से म
- कवयित्री मंदाक्रांता सेन के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंच की राज्यपाल से मुलाकात
- कहा, एनआरसी पर धनखड़ से हुई विस्तार से बात, राज्यपाल ने दिया आश्वासन, करेंगे मसले पर उच्च पदस्थ अधिकारियों से बात
जागरण संवाददाता, कोलकाता : एनआरसी के विरोध में बांग्ला की सम्मानित कवयित्री मंदाक्रांता सेन के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राजभवन पहुंच राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। साथ उन्हें बताया कि हाल ही में चक्रवात बुलबुल से प्रभावित लोगों के पास कुछ भी शेष नहीं बचा है, जिससे की वे यह प्रमाणित कर सके वे यही के नागरिक है। ऐसे में अगर यहां एनआरसी लागू होता है तो इन असहाय लोगों पर इसका बुरा असर पड़ेगा। वहीं बैठक के उपरांत मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुई कवयित्री मंदाक्रांता ने कहा कि राज्यपाल ने हमारी बातों को सुनने के उपरांत हमें आश्वस्त किया है कि वे इस मसले पर उच्च पदस्थ अधिकारियों से बात करेंगे। कवयित्री ने कहा कि हम आम लोगों के प्रतिनिधि के रूप में ही राज्यपाल से मिले और उन्हें वर्तमान समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बीतने के बाद भी आज भी हमारी नागरिकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच कई सरकारें आई और गई। इन्हीं सरकारो ने नागरिकों के मतदान के अधिकार में बदलाव भी किए। क्या इतने सालों से हम इस देश के नागरिक नहीं थे? खैर, पूरी बात सुनने के बाद राज्यपाल ने उक्त मसले पर उच्च पदस्थ अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया है। हालांकि कुछ दिन पहले ही रानूछाया मंच से एनआरसी के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए उन्होंने कहा था कि कई लोग अपने ही देश में इस खौफ में जी रहे हैं कि कोई उन्हें यहां से बाहर कर देगा और यही कारण है कि हम इस दहशत के खिलाफ सड़क पर उतर इसका विरोध कर रहे हैं। इस राज्य के लोग नहीं चाहते हैं कि यहां एनआरसी लागू हो और इसलिए सभी इसके विरोध में एकजुट हैं।