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डालर का प्रिंटआउट ले जाने के कारण नेपाली जेल पहुंचा बंगाल का फोटोग्राफर, रिहाई का इंतजार

पिछले साल नवंबर से ही भारत से सहायता मिलने की जोह रहे हैं बाट बेटे की रिहाई के लिए कैंसर से जूझ रही बुजुर्ग मां भी महीनों से दर-दर भटक रही लिंक्डइन के अपने पेज पर नेशनल ज्योग्राफिक के कंट्रीब्यूटर के रूप में अपनी पहचान बताने वाले फोटोग्राफर।

By Priti JhaEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 11:13 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 11:13 AM (IST)
डालर का प्रिंटआउट ले जाने के कारण नेपाली जेल पहुंचा बंगाल का फोटोग्राफर, रिहाई का इंतजार
डालर का प्रिंटआउट ले जाने के कारण नेपाली जेल पहुंचा बंगाल का फोटोग्राफर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के एक फोटोग्राफर के लिए नेपाल की यात्रा बेहद तकलीफदेह हो गई क्योंकि उसे कथित तौर पर 100 अमेरिकी डालर के नोट का प्रिंटआउट ले जाने के लिए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। एक लघु फिल्म की शूटिंग के दौरान इस मुद्रा की जरूरत के मद्देनजर वह इसका प्रिंटआउट ले गए थे।

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बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के सलकिया निवासी दुर्लभ राय चौधरी (24) पिछले साल नवंबर से ही भारत से सहायता मिलने की बाट जोह रहे हैं। नेपाल में झापा कारागार के वार्ड नंबर-दो से उन्होंने यहां एक समाचार एजेंसी को फोन पर कहा कि उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी काम नहीं किया है।

इधर, इस संबंध में कोलकाता में नेपाल के महावाणिज्य दूत ईशोर राज पौडेल से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पौडेल ने कहा, मैं इस बारे में पता लगाऊंगा और अधिकारियों तथा झापा के जिला मजिस्ट्रेट से बात करूंगा। चूंकि यह एक कानूनी मामला है, इसलिए हमें सबूत देखने की जरूरत है। लेकिन मैं आश्वासन दे सकता हूं कि विचाराधीन व्यक्ति के परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

लिंक्डइन के अपने पेज पर नेशनल ज्योग्राफिक के कंट्रीब्यूटर के रूप में अपनी पहचान बताने वाले फोटोग्राफर ने दावा किया कि उन्हें जेल में बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा है। चौधरी ने यह भी कहा कि 24 नवंबर 2021 को गिरफ्तारी के बाद उन्हें 20 दिनों तक यातना दी गई और उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

उन्होंने कहा, मैंने पिछले नवंबर में अपनी यात्रा शुरू की थी। प्रत्येक चेकप्वाइंट पर, मैंने सुरक्षाकर्मियों को अमेरिकी डालर के प्रिंटआउट दिखाए जो मेरे पास शूटिंग के लिए थे। उन्होंने मुझे जाने दिया। हालांकि, चंद्रगडी हवाई अड्डे पर मुझे एक कार्यालय ले जाया गया और बाद में मुझे हिरासत में ले लिया गया।

इधर, चौधरी की मां तृप्ति राय चौधरी (63) कैंसर से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे की रिहाई के लिए पिछले कुछ महीनों से दर-दर भटक रही हैं। चौधरी की मां भी अभी नेपाल में हैं जो अदालत में सुनवाई के लिए वहां गई हैं। तृप्ति राय ने कहा कि वह न्यायाधीश से उनके बेटे की रिहाई की अपील करेंगी जिसे बिना किसी वाजिब कारण के जेल में रखा गया है। उन्होंने कहा कि मैं बंगाल की मुख्यमंत्री से भी मदद के लिए कहूंगी। 


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