Petrol-Diesel price hike : बस मालिकों का ऐलान, अब से हर सोमवार पेट्रोल पंपों से तेल नहीं खरीदेंगे
अब से प्रत्येक सोमवार को हम पेट्रोल पंपों से तेल नहीं खरीदेंगे। इसका हालांकि हमारी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि बसों में दो-तीन दिनों का तेल रिजर्व में रहता है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पेट्रोल- डीजल की मूल्यवृद्धि के प्रतिवाद में बस मालिकों ने सोमवार को पेट्रोल पंपों से तेल नहीं खरीदा। ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा-'हमने पेट्रो उत्पादों की मूल्यवृद्धि के प्रतिवाद में यह आंदोलन शुरू किया है। अब से प्रत्येक सोमवार को हम पेट्रोल पंपों से तेल नहीं खरीदेंगे। इसका हालांकि हमारी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि बसों में दो-तीन दिनों का तेल रिजर्व में रहता है।'
गौरतलब है कि कोलकाता में जो बसें चलती हैं, उसकी टंकी की क्षमता 170 लीटर की होती है। 170 लीटर तेल एक बार भरा लेने पर उससे तीन दिनों तक बसें चल सकती हैं। बनर्जी ने आगे कहा-'हम चाहते हैं कि आम लोग भी हमारे इस आंदोलन से जुड़े और सप्ताह में एक दिन पेट्रोल या डीजल न खरीदने का संकल्प लें। तेल के दाम दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिसके कारण बंगाल में यात्री परिवहन सेवा की हालत बदतर होती जा रही है। निजी बस उद्योग तो रुग्ण होने की कगार पर पहुंच गया है। न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र का इस तरफ कोई ध्यान है। बस किराया बढ़ाने की हमारी मांग को भी सरकार खारिज कर चुकी है।
गौरतलब है कि सड़कों पर यात्रियों के कम होने के कारण निजी बसों की संख्या पहले से ही कम है।
इस बीच बसों की इएमआइ व बीमा किस्त में राहत की मांग को लेकर बस मालिक संगठन की ओर से आगामी चार अगस्त को कोलकाता और बंगाल के समस्त बैंकों व बीमा कंपनियों की शाखाओं में जाकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।