पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि का एशिया के सबसे बड़े थोक बाजार पोस्ता के ट्रांसपोर्ट कारोबार पर व्यापक असर
बढ़ सकता है परिवहन खर्च रोजमर्रा की जरुरत के सामान के दाम और बढ़ने की है आशंका। बंगाल के विभिन्न जिलों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये को पार कर गई है। निजी बस मालिक संगठनों ने किराया बढ़ाने के लिए पहले ही आंदोलन छेड़ रखा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि का एशिया के सबसे बड़े थोक बाजार पोस्ता के ट्रांसपोर्ट कारोबार पर व्यापक असर पड़ रहा है। पोस्ता से रोजाना बंगाल के विभिन्न जिलों समेत देश के विभिन्न स्थानों से सैकड़ों ट्रक रोजमर्रा की जरूरतों का सामान लादकर आवाजाही करते हैं।
पोस्ता के ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का कहना है कि वे परिवहन खर्च बढ़ाना नहीं चाहते लेकिन जिस तरह की स्थिति होती जा रही है, उसमें उनके पास और कोई विकल्प नहीं रह गया है। गौरतलब है कि बाजार में चीजों के दाम पहले ही काफी चढ़े हुए हैं। उसपर अगर परिवहन लागत बढ़ जाएगी तो उनके दाम और भी बढ़ जाएंगे, जिससे पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं।
एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी ने कहा कि ट्रकों व मेटाडोर से विभिन्न जगहों पर अपने सामान भिजवाने वाले कारोबारी किराया बढा़कर देने को तैयार नहीं हैं इसलिए हमें अपने कारोबार को बरकरार रखने में काफी समस्याएं हो रही हैं। बहुत से ट्रक व मेटाडोर यूं ही खड़े हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वाहनों की बीमा का खर्च बढ़ा है। रोड टैक्स भी बढ़ गया है। टायर व वाहनों के कलपुर्जों के दाम भी काफी बढ़ गए हैं इसलिए कारोबार करना काफी मुश्किल होता जा रहा है। गौरतलब है कि पोस्ता में 400 से भी ज्यादा ट्रांसपोर्ट कारोबारी हैं।
गौरतलब है कि बंगाल के विभिन्न जिलों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये को पार कर गई है। कोलकाता में भी यह 100 रुपये के आसपास है। डीजल के दाम भी तेजी से चढ़ते जा रहे हैं। निजी बस मालिक संगठनों ने किराया बढ़ाने के लिए पहले ही आंदोलन छेड़ रखा है, हालांकि राज्य सरकार साफ तौर पर कह चुकी है कि फिलहाल निजी बसों के किराए में वृद्धि नहीं की जाएगी।