Kolkata Durga Puja 2020: मिराती गांव के लोगों को दुर्गा पूजा में अपने पोल्टू दा का रहेगा इंतजार...
Kolkata Navratri Durga Puja 2020राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान भी हर साल दुर्गा पूजा में जरूर गांव आते थे प्रणब अपने घर पर करते थे मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित खुद करते थे पूजा
कोलकाता, राजीव कुमार झा। बंगाल के बीरभूम जिले के मिराती गांव के लोगों को अब दुर्गा पूजा में अपने प्रिय पोल्टू दा (प्रणब मुखर्जी) का इंतजार ही रहेगा। इस गांव की मिट्टी में पल- बढ़कर देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति तक का सफर तय करने वाले प्रणब को यहां से बेहद ही लगाव था। सक्रिय राजनीति से लेकर राष्ट्रपति पद पर आसीन रहते हुए भी प्रणब खासकर दुर्गा पूजा मनाने के लिए हर साल अपने गांव मिराती जरूर आते रहे।
मां काली और दुर्गा के अनन्य भक्त प्रणब हर साल अपने पैतृक गांव स्थित घर पर देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करके पूजा का आयोजन कराते थे। वे खुद पूजा भी करते थे।एक पुरोहित की भूमिका में प्रणब धोती व बनियान पहने एक आम भक्त की तरह नजर आते थे।
महासप्तमी व अष्टमी के दिन चंडी पाठ से लेकर संध्या आरती में वे भाग लेते थे। दुर्गा पूजा के दौरान उनसे मुलाक़ात करने वालों का गांव में हुजूम उमड़ पड़ता था। दिन में पूजा के धार्मिक अनुष्ठान के बाद प्रणब का सभी से अनुरोध रहता था कि कोई खाना खाए बिना ना जाए। सभी भोजन करें वह यह सुनिश्चित करते थे। यानी गांव में अपने घर पर दुर्गा पूजा के आयोजन की जिस परंपरा की शुरुआत उनके दादा तारक नाथ मुखर्जी ने करीब 120 साल पहले शुरू की थी उसको प्रणब जीते जी निभाते रहे।
मिराती गांव में रहने वाले उनके रिश्तेदारों का कहना है कि प्रणब के लिए अपना काम और संवैधानिक व राजनीतिक अनिवार्यताएं हमेशा प्राथमिकता रहीं लेकिन दुर्गा पूजा के लिए वे अपने हर शेड्यूल से समझौता करते रहे। इंदिरा से लेकर मनमोहन सिंह सरकार में अहम मंत्रालय संभालने से लेकर राष्ट्रपति पद पर रहने तक उन्होंने इससे समझौता किया और हर साल दुर्गा पूजा में नियमित तौर पर अपने गांव जाते रहे।
मिराती गांव के रवि छत्तोराज कहते हैं कि हम सभी को दुर्गा पूजा पर दादा का बेसब्री से इंतजार रहता था। हमें उनके साथ समय बिताने का अवसर मिलता और हम लोग पुरानी यादों में खो जाते थे। हम लोग उन्हें बहुत मिस करेंगे। छत्तोराज के अनुसार, केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रपति रहने के दौरान सुरक्षा के भारी इंतजामों को नजरअंदाज करते हुए प्रणब दा लोगों से खुले तौर पर मिलते थे। आसपास के कई गांवों से लोग उनसे मिलने के लिए आते थे और सहजता से वे सभी का हाल चाल लेते थे।
जब अमेरिकी रक्षा मंत्री तक को प्रणब से बात करने के लिए करना पड़ा था इंतजार
प्रणब जब पूजा कर रहे होते थे तो उनको कोई भी व्यवधान बिल्कुल पसंद नहीं था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक बार अमेरिकी रक्षा मंत्री डोनल्ड रम्सफ़ेल्ड उनसे बात करना चाहते थे, तब वे अपने गांव में थे। उनके अधिकारी उनसे बात करने से बचते थे खासकर तब जब वे पूजा पर होते थे। एक अधिकारी ने साहस दिखाते हुए काग़ज के टुकड़े पर लिखा कि रम्सफ़ेल्ड उनसे बात करना चाहते हैं, तो उन्होंने (प्रणब ने) पेंसिल से लिखा कि इंतज़ार करने को कहिए। प्रणब उस दौरान देश के रक्षा मंत्री थे। पूजा खत्म होने के बाद प्रणब ने रम्सफ़ेल्ड से बात की थी।
एक और घटना जब न्यूक्लियर डील पर वाशिंगटन में हस्ताक्षर होना था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रणब से कहा कि अमरीका वो दिन तय कर रहा है जब आप पूजा के लिए अपने गांव में होंगे। प्रणब ने उनसे कहा कि उन्हें इंतज़ार करने को कहिए। उन्होंने अपनी पूजा पूरी की और विशेष विमान से दिल्ली आए और उसी रात न्यूयार्क के लिए रवाना हो गए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने गांव के दुर्गा पूजा से उन्हें कितना लगाव था। 2017 में राष्ट्रपति पद से रिटायर के बाद भी प्रणब हर साल दुर्गा पूजा में गांव आते रहे।