स्कूलों के आस-पास तंबाकू उत्पाद बिक्री करने पर जुर्माना
प.बंगाल सरकार ने स्कूलों समेत राज्य के अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास तंबाकू उत्पाद की बिक्री पर 200 रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है।
कोलकाता, [राज्य ब्यूरो]। पश्चिम बंगाल सरकार ने स्कूलों समेत राज्य के अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास तंबाकू उत्पाद की बिक्री होने पर 200 रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। स्कूल परिसर से या 100 गज की दूरी के भीतर यदि कोई तंबाकू उत्पादन की बिक्री करते हुए देखा जाएगा तो उसपर 200 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि पिछले सप्ताह जारी एक निर्देश में स्कूलों और राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बिक्री करनेवालों पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया गया है। इस संबंध में सभी स्कूलों और कालेजों को भी एक परिपत्र भेजा गया है। इस मामले में 2008 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। आदेश का उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। निरीक्षकों को भी इस पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि परिसर के 100 के अंदर तंबाकू उत्पाद की बिक्री नहीं हो रही है और कोई उसका सेवन नहीं कर रहा है। सिगरेट, बीड़ी व अन्य तंबाकू उत्पाद का कोई सबूत नहीं मिलना चाहिए। तंबाकू का पाउच या थूकना के निशान नहीं मिलना चाहिए। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कालेजों के कैंटिन और होस्टल्स में भी ध्रुम्रपान व तंबाकू उत्पादन की सेवन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है।
एक गैर सरकारी संगठन द्वारा किए गए हालिया अध्ययन से पता चला था कि कोलकाता के कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों के 100 गज के भीतर तम्बाकू उत्पादों की बिक्री चल रही है। यह तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) को खुला उल्लंघन है।
संबंध हेल्थ फाउंडेशन ने पिछले महीने महानगर के 25 शैक्षिक संस्थानों का सर्वेक्षण किया था। सर्वे में 21 स्कूलों और चार महाविद्यालयों को शामिल किया गया था। इसमें 17 शैक्षणिक संस्थानों के पास तंबाकू उत्पाद बिक्री होने के प्रमाण मिले थे। 2003 में सीओटीपीए के तहत केंद्र ने इस पर प्रतिबंध लगाया था। इसके तहत (धारा 4) में सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान और सिगरेट की बिक्री पर रोक तथा 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति के इसके सेवन करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था।