Bengal: पार्थ चटर्जी ने लगाया सनसनीखेज आरोप, माकपा व भाजपा नेताओं ने भर्ती के लिए मांगी थी मदद
जहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने पूर्ववर्ती वामो शासन के दौरान शिक्षा क्षेत्र में घोटाले का दावा किया है। वहीं शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार हो चुके पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने माकपा व भाजपा नेताओं पर उनसे भर्ती के लिए मदद मांगने का आरोप लगाया है। File Photo
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने पूर्ववर्ती वामो शासन के दौरान शिक्षा क्षेत्र में घोटाले का दावा किया है। वहीं, दूसरी तरफ शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार हो चुके तृणमूल सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने माकपा व भाजपा नेताओं पर उनसे भर्ती के लिए मदद मांगने का आरोप लगाया है।
गुरुवार को पेशी के दौरान अलीपुर अदालत परिसर में मीडिया से बातचीत में पार्थ ने कहा कि जब वे मंत्री थे, उस समय माकपा और भाजपा के कई नेताओं ने उनसे भर्ती में मदद मांगी थी। पार्थ ने इस बाबत भाजपा विधायक व विधानसभा में विपक्ष के नेता नेता सुवेंदु अधिकारी, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लोकसभा सांसद दिलीप घोष और माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती का नाम लिया।
पार्थ ने कहा, ''सुवेंदु अधिकारी, दिलीप घोष और सुजन चक्रवर्ती शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर बड़े-बड़े आरोप लगा रहे हैं। उन्हें खुद को देखना चाहिए। उन्होंने मुझसे भर्ती के लिए मदद मांगी थी लेकिन मैंने साफ तौर पर कह दिया था कि मैं इसमें कोई मदद नहीं कर पाऊंगा क्योंकि भर्ती करने का अधिकार मेरे पास नहीं है। इसके बाद उन्होंने अन्य लोगों से संपर्क किया था।''
पार्थ के इस दावे पर तृणमूल के राज्य महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चूंकि राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री ने यह आरोप लगाया है। इसलिए, केंद्रीय जांच एजेंसियों को तीनों को हिरासत में लेना चाहिए और पार्थ के साथ बिठाकर उनसे पूछताछ करनी चाहिए।
विपक्षी नेताओं ने आरोप से किया इनकार
दिलीप घोष ने पार्थ के आरोप पर कहा, ''इतने दिनों तक सलाखों के पीछे रहने के कारण वे मानसिक रूप से असंतुलित हो गए हैं। दरअसल, उन्हें अवैध रूप से अर्जित धन से गर्लफ्रेंड के साथ विलासिती जीवन का आनंद लेने की आदत हो गई थी।'' वहीं, सुजन चक्रवर्ती ने दावा किया कि यह मुख्य मुद्दे से ध्यान हटाने की चाल है। इस मामले में अब तक सुवेंदु अधिकारी ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।
पार्थ को देखकर अदालत परिसर में फिर लगे 'चोर-चोर' के नारे
पार्थ की गुरुवार को पेशी के दौरान अदालत परिसर में फिर 'चोर-चोर' के नारे लगे। इस दिन पार्थ समेत सात आरोपितों को अदालत लाया गया था। पार्थ को बाकी आरोपितों के साथ एक गाड़ी में नहीं, बल्कि अलग कार से अदालत लाया गया था। उनके कार से उतरते ही 'चोर-चोर' के नारे लगने शुरू हो गए। ऐसा पहले भी हो चुका है। नारे लगाने वालों में से कुछ लोगों ने उन्हें फांसी पर चढ़ा देने की मांग की।
क्या मंत्री होना ही मेरा अपराध है: पार्थ
गुरुवार को पेशी के दौरान अदालत ने पार्थ को अपनी बात रखने के लिए पांच मिनट दिए। पार्थ ने कहा, ''क्या मंत्री होना ही मेरा अपराध है? मेरे खिलाफ थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है। जब मैं विपक्ष का नेता था, उस वक्त मुझे किसी ने बेईमान नहीं कहा था, लेकिन अब ऐसी बातें सुननी पड़ रही हैं। आठ महीने से जेल में हूं। मैं क्या कहीं भाग जाऊंगा? क्या सिर्फ राजनेता ही प्रभावशाली होते हैं? जीते जी इस मामले पर फैसला देख पाऊंगा भी कि नहीं, पता नहीं लेकिन मुझे कानून-व्यवस्था पर भरोसा है।''
पार्थ ने आगे कहा, ''मैंने भर्तियां नहीं की थीं। मैंने रामकृष्ण मिशन से पढ़ाई की है। ब्रिटिश काउंसिल से पास करके केंद्रीय संस्था में नौकरी कर चुका हूं।''