तृणमूल नेतृत्व ने कुणाल को पार्थ के खिलाफ बयानबाजी करने से रोका
पार्टी का मानना है कि इससे पार्टी की छवि पर असर पड़ रहा है। =================
हाईलाइटर ::: पार्टी का मानना है कि इससे पार्टी की छवि पर असर पड़ रहा है।
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राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल काग्रेस नेतृत्व ने पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष को शिक्षक नियुक्ति घोटाले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री व पार्टी के निलंबित प्रदेश महासचिव पार्थ चटर्जी के खिलाफ बयानबाजी न करने की सख्त हिदायत दी है। गौरतलब है कि कुणाल पार्थ के खिलाफ लगातार बयानबाजी करते आ रहे थे। उन्होंने पार्थ को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद यहा तक कहा था कि जेल में उन्हें आम कैदी की तरह रखा जाना चाहिए और किसी तरह की सुविधा प्रदान नहीं की जानी चाहिए। कुणाल यह कहने से भी नहीं चूके थे कि जेल में पार्थ को कैसे रखा जा रहा है, वे इसकी जानकारी रखेंगे। तृणमूल नेतृत्व ने अब कुणाल को हिदायत दी है कि वे पार्थ के खिलाफ बयानबाजी न करें क्योंकि इससे कहीं न कहीं पार्टी की ही छवि पर असर पड़ रहा है। हिदायत के बाद मीडिया से मुखातिब हुए कुणाल से जब पार्थ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे इस बारे में अब कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। उन्होंने यह भी साफ किया कि उन्होंने अब तक पार्थ के बारे में जो कुछ भी कहा था, वह तृणमूल प्रवक्ता के तौर पर नहीं कहा था बल्कि वह उनका व्यक्तिगत मत था। गौरतलब है कि कुणाल ने पार्थ को प्रेसिडेंसी जेल भेजे जाने के बाद यह भी कहा था कि जब उन्हें सारधा चिटफंड घोटाले में जेल भेजा गया था, तब उन्होंने चीख-चीखकर खुद को निर्दोष बताया था। उस समय पार्थ ने उन्हें पागल करार दिया था। उन्होंने जेल में दिन काटे हैं। पार्थ को भी पता चलना चाहिए कि जेल में रहना कैसा होता है। कुणाल ने यह आरोप भी लगाया था कि उन्हें जेल भेजने की साजिश रचने वालों में पार्थ भी शामिल थे।