सांगठनिक कदम: अपने सक्रिय व निष्क्रिय नेता-कार्यकर्ताओं की सूची तैयार कर रही बंगाल भाजपा
सक्रिय नेता-कार्यकर्ताओं को दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी निष्क्रिय रहने वालों के कतरे जा सकते हैं पर। बंगाल विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद भाजपा सूबे में अपने संगठन को फिर से मजबूत करना चाहती है इसलिए पार्टी अपने सक्रिय व निष्क्रिय नेता-कार्यकर्ताओं की पहचान कर रही है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल भाजपा अपने सक्रिय व निष्क्रिय नेता-कार्यकर्ताओं की सूची तैयार कर रही है। बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष व पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव (संगठन) शिवप्रकाश ने इस बाबत पार्टी के बनगांव, बारासात, बशीरहाट, हावड़ा व हुगली नेतृत्वों के साथ जरुरी बैठक की है। अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बंगाल भाजपा के इस कदम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बंगाल में पिछले लोकसभा चुनाव में मिली अपार सफलता को बरकरार रखने के लिए भाजपा अभी से ही जुट गई है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बंगाल विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद भाजपा सूबे में अपने संगठन को फिर से मजबूत करना चाहती है इसलिए पार्टी अपने सक्रिय व निष्क्रिय नेता-कार्यकर्ताओं की पहचान कर रही है। सक्रिय नेता- कार्यकर्ताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है जबकि निष्क्रिय रहने वालों के पर कतरे जा सकते हैं। पार्टी सूत्रों से पता चला है कि उत्तर 24 परगना जिले के बीजपुर में निष्क्रिय नेता-कार्यकर्ताओं की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे बहुत से नेता-कार्यकर्ता हैं, जो पार्टी से दूरी बनाकर चल रहे हैं। पार्टी की कार्यसूची में शामिल नहीं हो रहे हैं। उनमें से कई तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के भी प्रयास में हैं।
दिलीप घोष ने कहा-'हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। बंगाल में पार्टी को मजबूत करने के लिए संगठन में कुछ फेरबदल किया जा सकता है।' विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेता-कार्यकर्ताओं के दोबारा अपनी पुरानी पार्टी में लौटने पर उन्होंने कहा-'तृणमूल से हजारों लोग भाजपा में आए थे। उन्हें पार्टी में उचित सम्मान व जिम्मेदारी दी गई थी। उनमें से दो-चार लोगों के लौटने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।'