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विस में मंत्री ने कहा, ममता ने नहीं दिया गठबंधन का प्रस्ताव

-मंत्री ने विस में कहा सीएम के बयान की हुई गलत व्याख्या -मंत्री ने मीडिया पर लगाया बयान तोड़मरो

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 11:12 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 11:12 PM (IST)
विस में मंत्री ने कहा, ममता ने नहीं दिया गठबंधन का प्रस्ताव
विस में मंत्री ने कहा, ममता ने नहीं दिया गठबंधन का प्रस्ताव

-मंत्री ने विस में कहा, सीएम के बयान की हुई गलत व्याख्या

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-मंत्री ने मीडिया पर लगाया बयान तोड़मरोड़ कर पेश करने का आरोप

-मंत्री के बयान से क्षुब्ध होकर कांग्रेस-वाममोर्चा का वाकआउट

जागरण संवाददाता, कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में जो बयान दिया था उसपर 24 घंटे बीतने से पहले ही तृणमूल के मंत्री ने गुरुवार को खंडन कर दिया। इतना ही नहीं तृणमूल नेता व संसदीय मामलों के राज्यमंत्री तापस राय ने कहा कि वाममोर्चा-कांग्रेस से मुख्यमंत्री ने गठबंधन की अपील नहीं की थी। सीएम के बयान का गलत व्याख्या कर मीडिया ने भी तोड़-मरोड़ कर पेश किया। यह बात बोलते ही सदन में वाम-कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और वेल में उतर आए और इसके बाद वाकआउट कर गए।

विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के अंत में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री तापस राय ने 'प्वाइंट ऑफ इंफार्मेशन' ले आए। उन्होंने कई अखबारों में छपी खबर को पढ़ने लगे। मंत्री ने दावा किया सीएम ने किसी से गठबंधन करने की कोई बात नहीं कही। उन्होंने कहा कि एक साथ सभी को आने की बात कही है। जैसा कि राष्ट्रीयस्तर पर होता है। मीडिया ने गलत खबर छापी। इस पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री के बयान का खंडन करने के लिए 'प्वाइंट ऑफ इंफार्मेशन' क्यों लाया गया? विपक्ष का कहना था कि किसी अचानक हुई घटना या फिर किसी तथ्य में हुई भूल के लिए 'प्वाइंट ऑफ इंफोर्मेशन' लाया जाता है। यदि मीडिया ने गलत खबर छापी है तो इस पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाया जा सकता था।

राय के इस बयान के बाद ही वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती व कुछ अन्य विपक्षी विधायक विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी को रूखकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच सुजन की मंत्री पुर्णेदु बसु के साथ कहासुनी शुरू हो गई। संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी, खेल मंत्री अरूप विश्वास समेत अन्य तृणमूल विधायकों के साथ माकपा व कांग्रेसी विधायकों की कहासुनी होने लगी। इसके बाद नारेबाजी करते हुए माकपा के साथ कांग्रेस के विधायक भी सदन से बाहर चले गए।

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सीएम ने यह दिया था बयान

बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना पक्ष रखते हुए ममता ने कहा था कि मुझे लगता है कि तृणमूल, काग्रेस, माकपा हम सबको साथ आने की जरूरत है। इसका ये मतलब नहीं कि हम राजनीतिक रूप से कोई गठजोड़ करें,लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर जो हमारे साझा मुद्दे हैं, उन पर हम साथ आ सकते हैं। मुझे भय है कि भाजपा संविधान ही न बदल दे।

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दुर्भाग्यजनक विपक्ष का बर्ताव, स्पीकर से की कार्रवाई की अपील

संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने विपक्ष के बर्ताव को दुर्भाग्यजनक बताते हुए कहा कि स्पीकर से इस पर कड़ा कदम उठाने का आवेदन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। संविधान की गरिमा को किसी भी तरह से ठेस पहुंचाना बर्दाश्त नहीं है। पार्थ ने ममता बनर्जी के बयान को गलत तरीके से पेश करने को लेकर एक मीडिया संस्थान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने की भी घोषणा की।

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विपक्ष का बर्ताव सदन के कायदे कानून का उल्लंघन : विस अध्यक्ष

इस पर विधानसभा स्पीकर विमान बनर्जी ने कहा कि मैं इस पर विचार करुंगा, मैंने उनकी बात सुनी लेकिन उन्होंने (विपक्षी विधायकों) जिस तरह का रूख अख्तियार किया वह सदन के कायदे कानून का उल्लंघन है।

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स्पीकर कोई काम नियम के तहत नहीं कर रहे हैं: मन्नान

बाद में संवाददाता सम्मेलन में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि वह स्पीकर का सम्मान करते हैं। लेकिन दुख की बात है कि स्पीकर कोई काम नियम के तहत नहीं करते हैं। विपक्ष को न अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका मिलते है और न ही कोई अन्य प्रस्ताव पर बहस कराने की अनुमति मिलती है।

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