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Online competition : कोरोना काल में कोलकाता की दुर्गापूजा कमेटियों में छिड़ा डिजिटल वार

Online competition कोरोना काल में कोलकाता की दुर्गापूजा कमेटियों में डिजिटल वार छिड़ गया है। सोशल प्लेटफॉर्म पर खुद को दूसरों से आगे रखने की कोशिश कर रही हरेक पूजा कमेटी। अपनी पूजा की लोकप्रियता बरकरार रखने की है जुगत।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 03:57 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 03:57 PM (IST)
Online competition : कोरोना काल में कोलकाता की दुर्गापूजा कमेटियों में छिड़ा डिजिटल वार
पूजा कमेटियों में अब भी पहले जैसी प्रतिस्पर्धा ही दिख रही है, बस जरिया बदल गया है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना काल में कोलकाता की दुर्गापूजा कमेटियों में डिजिटल वार छिड़ गया है। पूजा कमेटियां सोशल प्लेटफॉर्म पर खुद को दूसरों से आगे रखने की कोशिश कर रही हैं यानी पूजा कमेटियों में अब भी पहले जैसी प्रतिस्पर्धा ही दिख रही है, बस जरिया बदल गया है। इस प्रतिस्पर्धा की वजह भी है। गौरतलब है कि पूजा थीम, पंडाल प्रतिमा, आलोक सज्जा को लेकर विभिन्न संस्थाओं की तरफ से पूजा कमेटियों को पुरस्कृत किया जाता है। कोरोना काल में भी यह जारी रहेगा इसलिए छोटे पैमाने पर पूजा का आयोजन करने पर भी पूजा कमेटियां नहीं चाहतीं कि इन पुरस्कारों से वंचित रह जाएं इसलिए वे ऑनलाइन प्रचार में पीछे नहीं हैं। 

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सोशल प्लेटफॉर्म पर ही अपना प्रचार कर रही हैं

गौरतलब है कि दुर्गापूजा से तीन-चार महीने पहले से ही पूजा कमेटियां बैनर-होर्डिंग लगाकर अपना प्रचार शुरू कर देती हैं। कोरोना महामारी के कारण इस बार ऐसा नहीं है। बैनर-होर्डिंग लगाने के लिए स्पांसरशिप की भी जरूरत पड़ती है। इस बार स्पांसर भी बहुत कम हैं इसलिए पूजा कमेटियां सोशल प्लेटफॉर्म पर ही अपना प्रचार कर रही हैं। इसमें किसी तरह का खर्च भी नहीं है।

पूजा कमेटी खुद को दूसरे से आगे रखना चाह रही

अग्रदूत सलकिया के कोषाध्यक्ष सब्यसाची राय ने कहा-' भले पूजा का स्वरूप इस बार काफी छोटा हो लेकिन हरेक पूजा कमेटी खुद को दूसरे से आगे रखना चाह रही है इसलिए सोशल मीडिया पर अपना प्रचार करने में जुटी हुई है। कोरोना महामारी के कारण अभी जिस तरह के हालात हैं, वे हमेशा नहीं रहेंगे लेकिन दुर्गापूजा होती रहेगी इसलिए आने वाले वर्षों को ध्यान में रखते हुए कोई भी पूजा कमेटी पीछे रहना नहीं चाह रही। 

पंडाल व प्रतिमा के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था

सभी पूजा कमेटियां चाहती हैं कि पंडाल पर आकर न सही, लेकिन ऑनलाइन उनके पंडाल व प्रतिमा के ज्यादा से ज्यादा लोग दर्शन करें। इससे उनकी पूजा की लोकप्रियता बनी रहेगी।' गौरतलब है कि विभिन्न पूजा कमेटियों ने इस साल अपने पंडाल व प्रतिमा के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की है।


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