बंगाल में एक चरण में 14 मई को पंचायत चुनाव
-58,467 बूथों पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान, 17 को मतगणना संभव -20 जिलों में एक चरण
-58,467 बूथों पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान, 17 को मतगणना संभव
-20 जिलों में एक चरण में मतदान पर विपक्षी दलों ने खड़ा किया सवाल
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथि को लेकर पिछले चार दिनों से जारी खींचतान पर गुरुवार शाम आखिरकार विराम लग गया। राज्य सरकार के प्रस्ताव को मानते हुए राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी। राज्य चुनाव आयोग के सचिव निलाजन सांडिल्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 14 मई को एक ही चरण में 20 जिलों में वोट डाले जाएंगे। किसी बूथ पर पुनर्मतदान की स्थिति आती है तो 16 मई को कराया जाएगा। यद्यपि उन्होंने मतगणना के दिन पर स्थिति स्पष्ट नहीं की। खबर है कि मतगणना 17 मई हो सकती है। आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार उक्त दिन 58,467 बूथों पर 5.08 करोड़ से अधिक मतदाता सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
वहीं, चुनाव को लेकर सुरक्षा प्रबंध के सवाल पर सांडिल्य ने कहा कि आयोग की ओर से राज्य सरकार को चुनाव में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जाने को कहा गया है। चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के सवाल पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की तैनाती का मसला आयोग का नहीं है और यह राज्य सरकार तय करेगी। सांडिल्य ने कहा कि चुनाव के लिए प्रत्येक जिले में एक पर्यवेक्षक जबकि दो ब्लाक को मिलाकर एक-एक पर्यवेक्षक तैनात रहेंगे। यह पूछे जाने पर कि पहले तीन चरण और अब एक ही चरण में मतदान कराए जाने की वजह क्या है? सांडिल्य ने कहा कि पहले भी आयोग और राज्य सरकार ने साझा तौर पर यह निर्णय लिया था और वर्तमान निर्णय भी रमजान, गर्मी के मद्देनजर साझा तौर पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आयोग आगे सभी पार्टियों के साथ बैठक करेगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आयोग की ओर से 23 अप्रैल को एक दिन अतिरिक्त नामांकन दाखिल करने के लिए दिया गया था। इस बीच विपक्षी दलों ने एक ही चरण में मतदान कराने को लेकर सवाल खड़ा किया है। भाजपा, माकपा से लेकर काग्रेस के नेताओं का कहना है कि तृणमूल ने विपक्षी दलों को नामाकन नहीं करने दिया ऐसे में 20 जिलों के 58467 बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान संभव नहीं है। सूत्रों के अनुसार राज्य के पास चुनाव के लिए 46000 शस्त्र बल हैं जबकि 12000 लाठी धारी पुलिस है।
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किसने क्या कहा
वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने कहा कि राज्य में एक दिन में मतदान कराने की परिस्थिति नहीं है। इसके खिलाफ 17 वामपंथी संगठन आंदोलन करेंगे। राज्य में 58 हजार से अधिक बूथ है जबकि 46 हजार पुलिस है ऐसे में सभी बूथों पर सशस्त्र पुलिस तैनात नहीं रहेगी। गणतंत्र की हत्या की जा रही है। सरकार चाह रही है कि चुनाव रक्तरंजिश हो।
भाजपा नेता प्रताप बनर्जी ने कहा कि चुनाव की तारीख तय करने से पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा कि केवल 58 हजार पुलिस के जरिए कुल 58457 मतदान केंद्रों पर सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मतदान करने का अधिकार छिन लिया गया है, पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है, चुनाव आयुक्त सत्तारूढ़ दल के दास हैं, देश में कहीं नहीं हुआ कि नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया। बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की जरुरत है। केंद्र की टीम को बंगाल की कानून-व्यवस्था की समीक्षा करने आना चाहिए।