महिला दिवस पर सड़कों पर उतरेगी भाजपा और तृणमूल, बंगाल में महिलाओं पर अत्याचार कम करने की मांग
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने के लिए शुक्रवार को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भाजपा भी सड़कों पर उतरेगी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने के लिए शुक्रवार को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भाजपा भी सड़कों पर उतरेगी। संगठन की महिला इकाई की ओर से इस दिन रैली निकाली जाएगी जिसका नेतृत्व भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी करेंगी। इसमें पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ लगातार हो रहे अत्याचार को खत्म करने और खत्म हो चुके लोकतंत्र को दोबारा स्थापित करने की मांग की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी भी महिला दिवस पर पार्टी की महिला विंग की ओर से आयोजित हुए जुलूस में शामिल होंगी और लोकसभा चुनाव का प्रचार भी शुरू करेंगी। पिछले वर्षों की तरह मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी उत्तर कोलकाता के श्रद्धानंद पार्क से धर्मतल्ला तक निकलने वाली पार्टी की रैली में शामिल होंगी। पार्टी की महिला नेता जुलूस में भाग लेंगी, जिसमें हेवीवेट मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और शशि पांजा अपनी प्यारी दीदी (ममता) के साथ सड़कों पर महिला सशक्तिकरण की दुहाई देते हुए मार्च करेंगी।
इधर राज्य भाजपा बंगाल में लोकतंत्र की बहाली के लिए मुरलीधर सेन लेन स्थित अपने मुख्यालय से श्यामबाजार पांच-पॉइंट क्रॉसिंग तक रैली निकालेगी। राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और पार्टी की राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक मुकुल रॉय उस रैली में शामिल होंगे जहां एक केंद्रीय मंत्री के भाग लेने की उम्मीद है।
हालांकि वह मंत्री कौन होगा फिलहाल यह साफ नहीं है। रैली के जरिए बंगाल में महिलाओं की मजबूती के साथ-साथ तृणमूल के अत्याचार से भयभीत लोगों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव की मांग की जाएगी। राज्य भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता यह रैली निकालेंगी।
इस बारे में पूछने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक उस दिन भारी संख्या में सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने बताया कि गत 3 मार्च को भाजपा के विजय संकल्प रैली में शामिल हुए बाइक सवार लोगों को मारा-पीटा गया था। वह लोग भी इस रैली में लोकतंत्र बहाली की मांग पर शामिल होंगे। भाजपा ने दावा किया है कि उसके 60-70 कार्यकर्ताओं को तृणमूल कांग्रेस और पुलिस द्वारा संरक्षित असामाजिक तत्वों द्वारा साजिश के तहत बाइक रैली के दौरान मारा-पीटा गया था।