अब कोलकाता के चाय स्टालों पर मिलेगी इम्यूनिटी बूस्टर हनी टी, ताकि कम हो कोरोना का खतरा
कोलकाता में चाय के स्टालों पर मेनू में एक नई डाबर हनी के रोगप्रतिरोधक गुणों के साथ चा को जोड़ा गया है। इन स्टालों पर ग्राहकों को यह नई सेहतमंद चाय दी जाएगी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। महामारी कोविड-1 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब कोलकाता के चाय स्टालों पर इम्यूनिटी बूस्टर हनी टी मुहैया कराने की पहल की गई है। इसके तहत रोगप्रतिरोधक क्षमता के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के मकसद से अग्रणी आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता कंपनी, डाबर इंडिया लिमिटेड ने सोमवार को कोलकाता में एक नई पहल "डाबर हनी के रोगप्रतिरोधक गुणों के साथ चा" शुरू की है।
इस पहल के तहत, कोलकाता में चाय के स्टालों पर मेनू में एक नई "डाबर हनी के रोगप्रतिरोधक गुणों के साथ चा" को जोड़ा गया है। इन स्टालों पर ग्राहकों को यह नई सेहतमंद चाय दी जाएगी। इन चाय स्टालों पर काम करने वाले लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए, डाबर सुरक्षा किट भी वितरित की जाएगी, जिसमें एक फेस शील्ड, दोबारा उपयोग करने योग्य फेस मास्क, हैंड सैनिटाइज़र, धोकर पुनः उपयोग करने योग्य दस्ताने और एक हेड कवर होगा।
इस बारे में डाबर इंडिया लिमिटेड के केटेगरी हेड-हनी कुणाल शर्मा ने कहा कि यह इम्यूनिटी बूस्टर चाय कोलकाता में 15 चाय के स्टालों पर उपभोक्ताओं को स्वाद के साथ सेहत देने के लिए पेश की जाएगी। इस पहल की थीम “ एखून सुधुमात्र चा नॉय, चान, डाबर हनीर सोंगे एक इम्युनिटी गुनेर चा" मतलब अभी सिर्फ चाय नहीं मांगिए डाबर हनी के साथ एक इम्यूनिटी बूस्टर चाय है। इस पहल के जरिए डाबर, लोगों को रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने में डाबर हनी के महत्व के बारे में जागरूक करते हुए दैनिक आहार में शक्कर की जगह डाबर हनी का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना चाहती है।
इस पहल के तहत, डाबर चाय के स्टॉल के मालिकों और यहाँ काम करने वाले लोगों की सुरक्षा व स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें हाल में में लांच किए गए 'डाबर सुरक्षा किट' भी प्रदान किया है। श्री शर्मा ने कहा, “रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पादों और स्वच्छता उत्पादों की मांग बढ़ रही है। लॉकडाउन में छूट के साथ लोग अब अपने घरों से बाहर निकलने लगे हैं, ऐसे में हमने लोगों को उनके घर से बाहर भी इम्युनिटी बूस्टर्स का डेली डोज़ देने के लिए चाय के स्टालों पर इस पहल को शुरू करने का निर्णय लिया।”