अगले साल मार्च तक कोलकाता की सड़कों पर दौड़ने लगेंगी सीएनजी बसें
परिवहन विभाग अगले साल मार्च तक कोलकाता में सीएनजी बसें चलाने की योजना पर काम कर रहा है। प्रथम चरण में 10 सीएनजी बसें उतारी जाएंगी और आगे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : परिवहन विभाग अगले साल मार्च तक कोलकाता में सीएनजी बसें चलाने की योजना पर काम कर रहा है। प्रथम चरण में 10 सीएनजी बसें उतारी जाएंगी और आगे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। इन बसों के लिए कसबा में डिपो के निर्माण की योजना है। यह जानकारी परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को विधानसभा में दी।
इसी के साथ महानगर में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। परिवहन मंत्री ने बताया कि वर्तमान में महानगर में विभिन्न मार्गो से 80 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जिनमें 70 और बसें शामिल होंगी और इस तरह 2020 तक यह संख्या बढ़कर 150 हो जाएगी। शहर में 55 चार्जिग केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोग अब सरकारी परिवहन को अधिक तव्वजो दे रहे हैं। 2011 में जहां राज्य में दो लाख लोग सरकारी बसों से सफर करते थे, वहीं अब सिर्फ कोलकाता में 6-8 लाख लोग सरकारी बसों में सफर करते हैं।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में पहली बार परिवहन संबंधी स्टैंडिंग कमिटी को लेकर चर्चा की गई। परिवहन मंत्री ने आगे बताया कि 2011 में परिवहन विभाग का कुल राजस्व 900 करोड़ रुपये का था, जो अब बढ़कर 2,500 करोड़ रुपये हो गया है। वर्तमान वित्त वर्ष में इसे तीन हजार करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य की परिवहन व्यवस्था को काफी विकसित किया गया है।
मंत्री ने आगे कहा कि पहले ड्राइविंग लाइसेंस देने में खामियां थीं, जिसे दुरुस्त किया गया है। 58 आरटीओ में से 40 में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। है। उन्होंने कहा कि गंगासागर मेले के लिए अलग से एयर एम्बुलेंस रखा जाएगा। शुभेंदु ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने जलपथ परिवहन सेवा को और विकसित करने की योजना बनाई है। राज्य सरकार की इन योजनाओं के लिए विश्व बैंक भी फंड देने को तैयार है। जलपथ परिवहन सेवा के विकास के लिए विश्व बैंक द्वारा अगले तीन वर्ष में 3,300 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।