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अब सीएम ममता बनर्जी के रिश्तेदारों की संपत्ति को लेकर भी हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर

मुख्यमंत्री के दो भाइयों कार्तिक बनर्जी और बाबुन बनर्जी और उनकी भाभी कजरी बनर्जी की संपत्ति में वृद्धि की जांच की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी। वर्तमान में कोलकाता नगर निगम की तृणमूल पार्षद कजरी बनर्जी की शादी कार्तिक बनर्जी से हुई है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 29 Aug 2022 07:07 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2022 07:07 PM (IST)
अब सीएम ममता बनर्जी के रिश्तेदारों की संपत्ति को लेकर भी हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर
जनहित याचिका को लेकर ममता बनर्जी ने दिया जवाब।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस के 19 नेता, मंत्री और विधायकों के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों की संपत्ति वृद्धि की जांच की मांग को लेकर सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता व भाजपा नेता तरुणज्योति तिवारी ने हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में दायर की है जिसमें कहा है कि ममता के रिश्तेदारों की संपत्ति में काफी वृद्धि हुई है, जिसकी ईडी, सीबीआइ और आयकर विभाग से जांच होनी चाहिए।

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हाईकोर्ट ने जनहित याचिका स्‍वीकार की

बताते चलें कि तृणमूल की ओर से भी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर माकपा व कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक नेताओं के खिलाफ संपत्ति में वृद्धि के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। हालांकि, इस जनहित याचिका में न तो ममता बनर्जी और न ही उनके भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम है। मुख्यमंत्री के दो भाइयों, कार्तिक बनर्जी और बाबुन बनर्जी और उनकी भाभी कजरी बनर्जी की संपत्ति में वृद्धि की जांच की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी। वर्तमान में कोलकाता नगर निगम की तृणमूल पार्षद, कजरी बनर्जी की शादी कार्तिक बनर्जी से हुई है। पीआइएल को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

ममता बनर्जी के परिवार पर आरोप

तिवारी ने कहा कि एक बार कुणाल घोष, जो वर्तमान में तृणमूल के राज्य महासचिव और पार्टी प्रवक्ता हैं, ने कहा था कि सारधा चिटफंड में घोटाले के धन का अधिकांश हिस्सा मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों की झोली में गया था। तिवारी ने कहा, यहां तक आरोप हैं कि मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों ने मौजूदा बाजार दरों से काफी कम कीमतों पर कई संपत्तियां खरीदीं। इन सभी मामलों की पूरी जांच की जरूरत है। कथित तौर पर उनके स्वामित्व वाली कुछ कंपनियों के नाम भी जनहित याचिका में शामिल किए गए हैं।

ममता बनर्जी ने दिया जवाब

दूसरी ओर इस जनहित याचिका को लेकर ममता ने सोमवार को मेयो रोड में तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई के स्थापना दिवस पर आयोजित सभा में आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर उन पर कालिख लगाने के लिए इस तरह की बात कह रही है। यह मामला तो अंतरराष्ट्रीय अदालत में चलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सांसद के रूप में 12 साल तक लगातार एक लाख रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलता था। मैं नहीं लेती हूं। मुख्यमंत्री के रूप में मुझे तीन लाख से 3.5 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है, लेकिन मैं एक पैसा नहीं लेती हूं। बाहर भी जाती हूं, तो अपने पैसे से चाय पीती हूं। जब-तक अति आवश्यक न हो तब-तक सरकारी वाहनों में सवारी न करती हूं, मैं जिस मकान में रहती हूं, वह भी पट्टे पर है। मीडिया ट्रायल चल रहा है। यह मीडिया भाजपा का है और इन पर विश्वास नहीं करें। यही नहीं उन्होंने कहा कि मैं छह भाई और दो बहन हूं। मां मेरे साथ रहती थी। इसके बाद अन्य जितने भी मेरे रिश्तेदार हैं सब अलग-अलग रहते हैं और हमलोगों के सिर्फ त्योहार, रक्षा बंधन, दुर्गापूजा, कालीपूजा का रिश्ता है। उनसे मेरा और कोई संबध नहीं है। ऐसे में अब सवाल उठाया जा रहा है कि क्या ममता ने अपने भाई-भाभी, भतीजा से दूरी बना ली हैै या फिर भ्रष्टाचार से बचने की कोशिश कर रही हैं।


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