पंचायत चुनाव के लिए नामांकन आज, चुनाव तारीखों की घोषणा संभव
पंचायत चुनाव के मतदान की तिथि निर्धारित करने के लिए आज राज्य के पंचायत विभाग के ओएसडी सौरभ दास और राज्य चुनाव आयुक्त के बीच बैठक हो सकती है।
कोलकाता,जागरण संवाददाता। पंचायत चुनाव के मतदान की तिथि निर्धारित करने के लिए आज राज्य के पंचायत विभाग के ओएसडी सौरभ दास और राज्य चुनाव आयुक्त के बीच बैठक हो सकती है। संभवत: मतदान की तिथि पर राज्य चुनाव आयोग फैलसा ले सकता है।
वहीं दूसरी ओर राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सोमवार को दाखिल होने वाले नामांकन पत्रों की जांच 25 अप्रैल को की जायेगी। 28 अप्रैल तक नाम वापस लिये जा सकेंगे।
पंचायत चुनाव के लिए नामांकन करने को लेकर आज सुबह से ही राज्य के विभिन्न जिलों में फिर से हिंसा का दौर शुरू हो गया है। नामांकन करने को लेकर बीरभूम जिले में आज सुबह तृणमूल कांग्रेस तथा माकपा समर्थकों के बीच भीषण संघर्ष हो गया। इस घटना में दोनों ओर से कई समर्थक घायल हो गए। वहीं दूसरी ओर मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष की घटना घटी। इस घटना में भी कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए।
इसके अलावा पश्चिम मेदिनीपुर में तृणमूल कांग्रेस तथा भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष की घटना घटी है।इस घटना में दोनों तरफ से कई समर्थक घायल हो गए। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के लिए आज नामांकन पत्र जमा लिए जायेंगे। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र जमा करा पायेंगे।
हाइकोर्ट के निर्देशों के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन की मोहलत दी है। उम्मीदवार सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 25 अप्रैल को नामांकन की जांच होगी और इसे वापस लेने की अंतिम तारीख 28 अप्रैल निर्धारित की गई है।
वहीं, शनिवार को आयोग दफ्तर में 10 विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक के बाद भी चुनाव की तारीखों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी थी सोमवार को एक बार फिर तारीख पर चर्चा को लेकर पंचायत विभाग में आफिसर्स आन ड्यूटी (ओएसडी) सौरव दास चुनाव आयुक्त के साथ बैठक करेंगे। राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों की मानें तो सोमवार को बैठक में आयोग की ओर से अपने पसंद का दिन सुझाया जाएगा। संभव है कि इस दिन चुनाव की तारीखों पर स्थिति स्पष्ट हो। बता दें कि लगभग सभी राजनीतिक दलों ने शनिवार की बैठक में चुनाव तारीखों को लेकर कोई खास एतराज नहीं जताया। सभी ने लगभग यही कहा कि चुनाव रमजान के दौरान न हो इसका ख्याल रखा जाय। सभी दलों ने मतदान निष्पक्ष व शांतिपूर्ण कराने की मांग रखी है।
विपक्षी दलों ने जताई हिंसा की आशंका
दूसरी ओर राजनीतिक दलों ने आज होने वाले नामांकन को लेकर हिंसा की आशंका जाहिर की है। विपक्षी माकपा, कांग्रेस और भाजपा की ओर से नामांकन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आयोग से संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है। रविवार को माकपा और भाजपा का प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्या लेकर आयोग दफ्तर पहुंच, अधीर चौधरी ने कहा कि एक दिन महज चार घंटे के लिए नामांकन करने का समय मिला है लेकिन इस बात के प्रबल आसार है कि सत्तारूढ़ दल हमारे उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकेंगे, आयोग को इस बाबत बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए।
आयुक्त ने डीएम व डीपीइओ को जारी की निर्देशिका
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से सभी जिलाधिकारी (डीएम) व जिला पंचायत चुनाव अधिकारी (डीपीइओ) को निर्देशिका जारी की गई है। आयुक्त एके सिंह की ओर से जारी निर्देशिका में संबंधित अधिकारियों को नामांकन जमा लेने, नामांकन की जांच व नामांकन वापस लेने की समग्र व्यवस्था करने को कहा गया है। आयुक्त ने अधिकारियों से कहा है कि बगैर किसी व्यवधान के नामांकन जमा हो ।
माकपा केंद्रीय कमेटी में बंगाल से चार नए चेहरे
माकपा केंद्रीय कमेटी में इस बार पश्चिम बंगाल से चार नये चेहरों को शामिल किया है। राज्य से केंद्रीय कमेटी में शामिल चार नए चेहरों में सुजन चक्रवर्ती, राबीन देव, अमीय पात्र और आभाष रायचौधरी शामिल हैं। इसके साथ ही माकपा पोलित ब्यूरो में राज्य से दो नए सदस्यों को जगह मिली है।
निलोत्पल बसु और तपन सेन को पोलित ब्यूरो में शामिल किया गया है। विमान बोस, सूर्यकांत मिश्रा, मोहम्मद सलीम, और हन्नान मोल्ला पहले से ही पोलित ब्यूरो में हैं। निलोत्पल बसु और तपन सेन दो नए सदस्यों को लेकर राज्य से पोलित ब्यूरो में सदस्यों की संख्या 6 हो गई।
सूत्रों के मुताबिक सीतामराम युचेरी के दोबारा माकपा महासचिव चुने जाने पर बंगाली लाबी की जीत मानी जा रही है। बंगाल लाबी के अधिकांश सदस्य भी कांग्रेस के साथ चुनावी तालमेल रखने के पक्ष में हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस लाबी के दबाव में ही राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं रखने के अंश में संशोधन करने का निर्णय किया गया। पोलित ब्यूरो के सदस्य वृंदा करात ने जब कहा कि कांग्रेस के साथ किसी तरह का चुनावी गठबंधन नहीं करने का निर्णय किया गया है। इस पर मोहम्मद सलीम ने बयान दिया कि कांग्रेस के साथ कोई तालमेल नहीं अंश में संशोधन करने पर सहमति हुई है। आगे चलकर यही पार्टी की राजनीतिक लाइन होगी।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के साथ चुनावी तालमेल करने के मुद्दे पर पार्टी कांग्रेस में भी सीताराम येचुरी और प्रकाश करात गुट में मतभेद उभरकर सामने आ गया था लेकिन अंतत: मसौदे में कुछ संशोधन कर बीच का रास्ता निकाला गया।
दिलीप के फिर बिगड़े बोल, तृणमूल पर किया प्रहार
चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से एक-दूसरे पर शब्दों के प्रहार कोई नई बात नहीं है। हर चुनाव में शब्द वाण छोड़े जाते हैं। इस बार भी राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले राजनीतिक दलों के नेता एक-दूसरे पर शब्दों से प्रहार कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने नाम नहीं लिए बिना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को कड़े शब्दों में धमकी दे है।
उन्होंने उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में चुनावी सभा के मंच से कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर जो हमला करेगा उसके बीवी-बच्चे को अनाथ कर देंगे। उन्होंने कहा कि जनता के पैसे लूटने वाले चुपचाप रहें, भाजपा को आंखें न दिखाए, उसे धमकाए नहीं, नहीं तो उनके बीवी-बच्चे को देखने वाला कोई नहीं रह जाएगा। घोष ने कहा कि वे पीठ पीछे कुछ नहीं बोलते बल्कि खुलेआम कहते हैं। वह जो कहते हैं वह करते हैं। उन्होंने कहा कि जो जिस भाषा को समझता है, उसे उसी भाषा में समझाते हैं। उन्होंने छह फुट नीचे करने या छह फुट ऊपर से उतारने तक की धमकी दे डाली है। इस तरह उन्होंने तृणमूल पर निशाना साधते हुए कई कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। गौर हो कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पहली बार ऐसा नहीं कहा है, उन्होंने इसके पहले भी कई बार बिगड़े बोल के साथ सत्तारूढ़ दल पर हमला किया है।
राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने दिलीप घोष के इस बयान पर प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के मुख से निकले शब्द उनकी शैक्षणिक योग्यता बता रहे हैं। विवादित बयान के लिए तृणमूल ने दिलीप घोष के खिलाफ मध्यमग्राम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। दिलीप के उक्त बयान को लेकर राज्य की राजनीति में प्रतिक्रिया तेज हो गई।