West Bengal: नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी को डी लिट की उपाधि
Abhijit Banerjee. नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी को कलकत्ता विश्वविद्यालय में डी-लिट की उपाधि दी गई।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। Abhijit Banerjee. कलकत्ता विश्वविद्यालय ने मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी को डी लिट की उपाधि दी। इस मौके पर विश्वविद्यालय कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी ने कहा कि यह बंगाल के इतिहास का अविस्मरणीय क्षण है। हमें अभिजीत की उपलब्धि पर गर्व है।
उन्होंने देश के साथ बंगाल का नाम भी दुनिया में रोशन किया हैं। आज का दिन राज्यवासियों के लिए काफी खुशी का दिन है। विश्वविद्यालय सीनेट ने सर्वसम्मति से बनर्जी को यह उपाधि देने का फैसला किया था। इससे पहले राज्यपाल ने भी अपने ट्विटर पर बतौर कुलाधिपति कार्यक्रम में शिरकत करने की बात कही थी। हालांकि विरोध की वजह से वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
अभिजीत ने ममता से की मुलाकात
एएनआइ के मुताबिक, नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मौके पर अभिजीत बनर्जी की मां निर्मला बनर्जी भी उपस्थित थीं।
गौरतलब है कि जादवपुर विश्वविद्यालय में विरोध के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को एक बार फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) के दीक्षा समारोह में विरोध का सामना करना पड़ा। मंगलवार को शहर के काजी नजरुल मंच ऑडिटोरियम में आयोजित वार्षिक दीक्षा समारोह में भाग लेने पहुंचे राज्यपाल को छात्रों के एक समूह ने शामिल नहीं होने दिया। इसके बाद, राज्यपाल परिसर से चले गए। इस घटना के बाद उनके बगैर ही सीयू का दीक्षा समारोह संपन्न हुआ। धनखड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। आयोजन स्थल पर राज्यपाल के दोपहर साढ़े 12 बजे पहुंचने के बाद छात्रों ने काले झंडे दिखाए और 'गो बैक' के नारे लगाए। वहीं कुछ छात्रों ने हाथों में 'नो सीएए' और 'नो एनआरसी' के पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध के बीच धनखड़ ने नजरुल मंच के ग्रीन रूम में नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी से मुलाकात की, जहां उन्होंने मानद डी लिट पर हस्ताक्षर किए। वहीं कार्यक्रम शुरू होने से कुछ ही मिनट पहले छात्रों का एक अन्य समूह मंच पर आ गया और राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी की, इसके बाद धनखड़ आयोजन स्थल से करीब डेढ़ बजे निकल गए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि धनखड़ (भाजपा नीत) केंद्र के प्रतिनिधि हैं, जो कलकत्ता विवि के दीक्षा समारोह के लिए मंच पर उपस्थित होने के हकदार नहीं हैं। हालांकि, कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी अपनी ओर से छात्रों को इस बात के लिए मनाती हुई नजर आईं कि वे अपना विरोध बंद कर दें। बाद में उन्होंने घोषणा की कि राज्यपाल आयोजन स्थल से चले गए हैं। जिसके बाद दीक्षा समारोह शुरू हो पाया। बता दें कि पिछले महीने, राज्यपाल को जादवपुर विश्वविद्यालय में भी इसी तरह के विरोध का सामना करना पड़ा था। वहां भी वह दीक्षा समारोह में शरीक होने गए थे।