भाजपा छोड़ तृणमूल में गए मुकुल राय को विधायक पद से बर्खास्तगी पर 11वीं सुनवाई में भी कोई फैसला नहीं
मुकुल की ओर से प्रतिनिधित्व उनके वकील सायंतक दास और आरिफ अली ने किया। वहीं भाजपा संसदीय दल की ओर से विधायक अंबिका राय और अधिवक्ता बिल्वदल भट्टाचार्य पेश हुए। सूत्रों के मुताबिक मुकुल के वकीलों ने उनके पक्ष में दलीलें पेश कीं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए मुकुल राय को विधायक पद से बर्खास्तगी के मामले पर 11वीं सुनवाई में भी कोई फैसला नहीं हो सका। बुधवार दोपहर एक बजे विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी के चेंबर में एक बार फिर इस मामले पर सुनवाई हुई। मुकुल की ओर से प्रतिनिधित्व उनके वकील सायंतक दास और आरिफ अली ने किया। वहीं भाजपा संसदीय दल की ओर से विधायक अंबिका राय और अधिवक्ता बिल्वदल भट्टाचार्य पेश हुए। सूत्रों के मुताबिक मुकुल के वकीलों ने उनके पक्ष में दलीलें पेश कीं।
इसके बाद स्पीकर ने अगली सुनवाई की तारीख की घोषणा की। अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मुकुल पर जल्द फैसला आने की उम्मीद जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले ही कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा स्पीकर फरवरी के दूसरे सप्ताह में निर्णय लेंगे। सुनवाई के बाद मुकुल के वकील सायंतक ने कहा कि हमने अपनी सारी दलीलें स्पीकर के सामने रख दी हैं। भाजपा विधायक अंबिका राय ने कहा कि मुकुल के वकील ने अपनी बात रखी है। हम अगली सुनवाई में अपना अंतिम तर्क पेश करेंगे।
बताते चलें कि कृष्णानगर उत्तर सीट से मुकुल ने विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीती थी। इसके बाद 11 जून को वह तृणमूल में शामिल हो गए। इसके बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने उनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई के लिए विधानसभा स्पीकर से अपील की थी। हालांकि, कई बार सुनवाई हुई लेकिन फैसला कुछ नहीं हो सका है। इसे लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में भी अपील की गई थी, जहां न्यायाधीश ने स्पीकर से मामले पर निर्णय लेने को कहा था। बाद में स्पीकर इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह तक मामले का निपटारा कर दिया जाए। अब 28 जनवरी को फिर से सुनावई होगी।