आजादी के महानायक सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर विशेष...कंप्लीट फैमिली मैन' थे नेताजी
नेताजी ने जिस तरह आजादी की लड़ाई में देशवासियों को एकजुट किया उसी तरह अपने परिवार को भी एक सूत्र में पिरोए रखा। नेताजी बोस परिवार की जान थे कंप्लीट फैमिली मैन थे। नेताजी के आध्यात्मिक पहलू से भी अधिकांश लोग वाकिफ नहीं हैं।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को हम सभी गरमपंथी स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर जानते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि वे बेहद नरम दिल इंसान थे और 'कंप्लीट फैमिली मैन' थे। उन्होंने जिस तरह आजादी की लड़ाई में देशवासियों को एकजुट किया, उसी तरह अपने परिवार को भी एक सूत्र में पिरोए रखा। नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस ने उनसे जुड़े कई अनजाने तथ्यों को साझा किया।
उन्होंने बताया-'नेताजी बोस परिवार की जान थे। सबको लगता है कि वे बेहद गंभीर इंसान थे लेकिन यह बात सही नहीं है। नेताजी कंप्लीट फैमिली मैन थे। परिवार के छोटे सदस्यों से वे काफी घुले-मिले हुए थे। खासकर युवा सदस्यों से खूब बातचीत करते थे। भारी व्यस्तता के बावजूद वे समय निकालकर बच्चों के साथ खेला करते थे। नेताजी स्वतंत्रता संग्राम के सिलसिले में जब भी बाहर जाते थे तो देश के किसी भी कोने में क्यों न हों, परिवार के युवा सदस्यों को नियमित रूप से पत्र लिखते थे। पत्र के अंत में अपने हस्ताक्षर के साथ लिखते थे- 'सुभाष, योर प्लेमेट।'
रात के भोजन में दो रोटी का बनाया था नियम
चंद्र कुमार बोस ने कहा-' खानपान हमेशा से बोस परिवार की कमजोरी रही है। हमारे परिवार के लोग ज्यादा खाना खा लेते थे। नेताजी इस मामले में बेहद अनुशासित थे। उन्होंने नियम बनाया था कि रात के भोजन में सब्जी, मांस-मछली के साथ सिर्फ दो ही रोटी मिलेगी। बंगाली परिवार में दिन में मुख्य रूप से भात (उबला चावल) चलता है। नेताजी व्यस्तता के कारण दिन का भोजन परिवार के साथ नहीं कर पाते थे लेकिन रात का खाना पूरे परिवार के साथ करते थे।
संयुक्त परिवार के पुरजोर पक्षधर थे नेताजी
नेताजी संयुक्त परिवार के पुरजोर पक्षधर थे। उनका बचपन अपने सात भाइयों व छह बहनों के साथ कोलकाता के एल्गिन रोड स्थित मकान में बीता, जो आज 'नेताजी भवन' के नाम से परिचित है। इसके बाद वे अपने बड़े भाई शरत चंद्र बोस द्वारा एक नंबर वुडबर्न पार्क स्थित मकान में रहने आ गए थे। सभी वहीं रहते थे। नेताजी हमेशा सभी से साथ रहने की बात करते थे क्योंकि वे एकता की ताकत अच्छी तरह से समझते थे। इन दोनों मकानों को बोस परिवार की ओर से सरकार को संग्रहालय के लिए दे दिया गया है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर में जाकर करते थे योग साधना
चंद्र कुमार बोस ने कहा-' नेताजी के आध्यात्मिक पहलू से भी अधिकांश लोग वाकिफ नहीं हैं। नेताजी स्वामी विवेकानंद का अनुसरण करते थे और उन्होंने आध्यात्म को अपनाया था। उनका मन जब भी विचलित होता है तो रात को अकेले दक्षिणेश्वर काली मंदिर चला जाया करते थे और वहां तीन-चार घंटे योग साधना किया करते थे।