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नारद टेप कांड में आरोपित नेताओं से ईडी ने फिर मांगा बैंक खातों का ब्योरा, भेजा स्मरण पत्र

नारद टेप कांड में धन शोधन के पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेताओं और भाजपा के मुकुल रॉय को स्मरण पत्र भेजा है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 06:01 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 06:57 PM (IST)
नारद टेप कांड में आरोपित नेताओं से ईडी ने फिर मांगा बैंक खातों का ब्योरा, भेजा स्मरण पत्र
नारद टेप कांड में आरोपित नेताओं से ईडी ने फिर मांगा बैंक खातों का ब्योरा, भेजा स्मरण पत्र

राज्य ब्यूरो, कोलकाता :  नारद टेप कांड में धन शोधन के पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेताओं और भाजपा के मुकुल रॉय को स्मरण पत्र भेज कर अपने-अपने बैंक खातों तथा अन्य संपत्ति का ब्योरा देने कहा है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों को मार्च में लॉकडाउन लागू होने से पहले नोटिस भेजा गया था, लेकिन उनसे मांगी गई जानकारी अब तक प्राप्त नहीं हुई ।

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ईडी सूत्रों ने बताया, ‘‘हमनें अब उन्हें स्मरण पत्र भेजा है और उनमें से सभी ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही जवाब देंगे।’’ धन शोधन रोधी जांच एजेंसी ने आरोपी नेताओं को पिछले सात साल का ब्योरा देने को कहा है। ईडी के अलावा सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है। मामले में आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं में पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम और सुवेंदु अधिकारी, पूर्व मंत्री मदन मित्रा, लोकसभा सदस्य सौगत रॉय और काकोली घोष दस्तीदार, सुब्रत मुखर्जी तथा अपरूपा पोद्दार शामिल हैं। उनसे दोनों जांच एजेंसियों ने पूछताछ की है। पार्टी के पूर्व सांसद एवं मामले में आरोपी सुल्तान अहमद की सितंबर 2017 में मृत्यु हो गई। नारद मामले में आरोपियों की सूची में भाजपा नेता मुकुल रॉय और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी के नाम भी शामिल हैं। रॉय तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर नवंबर 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे ,जबकि चटर्जी पिछले साल भगवा पार्टी में शामिल हुए थे।

उल्लेखनीय है कि नारद न्यूज पोर्ट के सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने 2014 में एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। वीडियो फुटेज में, बाद में भाजपा का दामन थामने वाले दो नेताओं सहित राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता और एक आईपीएस अधिकारी एक काल्पनिक कंपनी को लाभ पहुंचाने के एवज में उसके प्रतिनिधियों से कथित तौर पर रुपये लेते नजर आये थे। हालांकि, 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले न्यूज पोर्टल पर वीडियो फुटेज डाल दी गई, जिससे राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इस मामले में जिस एकमात्र व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, वह आईपीएस अधिकारी एस एम एच मिर्जा हैं। उन्हें बाद में जमानत पर अदालत ने रिहा कर दिया। यह स्टिंग ऑपरेशन जब हुआ था, तब मिर्जा वर्द्धमान जिले के पुलिस अधीक्षक थे। सूत्रों ने बताया कि चटर्जी अपने बैंक खातों और अन्य संपत्ति का ब्योरा ईडी को सौंप चुके हैं।


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