Narada Sting Operation Case: बंगाल विधानसभा अध्यक्ष के समन पर हाजिर नहीं हुए ईडी व सीबीआइ के अधिकारी
Narada Sting Operation Case नारद स्टिंग आपरेशन मामले में राज्य के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी फिरहाद हकीम और विधायक मदन मित्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने के मामले में सीबीआइ के उप पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र सिंह व ईडी के सहायक निदेशक रथीन विश्वास को तलब किया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष के समन पर बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी हाजिर नहीं हुए। ईडी व सीबीआइ ने कहा कि स्पीकर को केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को तलब करने का अधिकार नहीं है। बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने उनकी मंजूरी के बिना ईडी व सीबीआइ की ओर से पिछले दिनों नारद स्टिंग आपरेशन मामले में राज्य के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और विधायक मदन मित्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने के मामले में सीबीआइ के उप पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र सिंह व ईडी के सहायक निदेशक रथीन विश्वास को तलब किया था।
ईडी ने बुधवार को दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र देकर कहा है कि उन्होंने राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही चार्जशीट दाखिल की है। कोई नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। बुधवार को ईडी व सीबीआइ ने विधानसभा के सचिव को एक पत्र भेजकर सूचित किया कि स्पीकर को केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को तलब करने का अधिकार नहीं है। इधर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि ईडी व सीबीआइ के अधिकारियों को फिर तलब किया जाएगा। उनकी मंजूरी के बिना तृणमूल कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने से विधानसभा की बदनामी हुई है। दूसरी ओर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को तलब करने को लेकर ईडी और विधानसभा अध्यक्ष के बीच हुए पत्राचार को लेकर तृणमूल-भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है।
इससे पहले बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पिछले दिनों नारद स्टिंग आपरेशन मामले में राज्य के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और विधायक मदन मित्रा के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि सीबीआइ और ईडी ने उनकी मंजूरी के बिना चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह जनप्रतिनिधियों के नाम चार्जशीट दाखिल करने के मामले में मौजूदा कानून का उल्लंघन है। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि विधायकों या सांसदों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए संबंधित विधानसभा या लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी जरूरी है, लेकिन इस मामले में इसका पालन नहीं किया गया। पूरे मामले को लेकर कल विधानसभा अध्यक्ष की मौजूदगी में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है जिसमें स्पीकर ने स्पष्टीकरण के लिए दोनों जांच एजेंसियों के दो अधिकारियों को तलब करने का फैसला किया है। शीघ्र ही स्पीकर की ओर से पत्र भेजा जाएगा।