नारद मामले में बंगाल सरकार ने कहा, सीबीआइ ने क्यों नहीं मांगी सुरक्षा, हाई कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
बंगाल सरकार ने नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआइ के बयान पर आपत्ति जताते हुए फिर कलकत्ता उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है। राज्य ने हलफनामा में कहा है कि सीबीआइ ने राज्य के चार नेताओं और मंत्रियों की गिरफ्तारी के दिन राज्य से सुरक्षा क्यों नहीं मांगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल सरकार ने नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआइ के बयान पर आपत्ति जताते हुए फिर कलकत्ता उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है। राज्य ने हलफनामा में कहा है कि सीबीआइ ने राज्य के चार नेताओं और मंत्रियों की गिरफ्तारी के दिन राज्य से सुरक्षा क्यों नहीं मांगी।
सीबीआइ ने अदालत को बताया कि फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को सत्तारूढ़ दल के समर्थकों के विरोध के कारण विशेष सीबीआइ अदालत में नहीं ले जाया जा सका। बंगाल सरकार ने बुधवार को दाखिल किए गए अपने हलफनामे में कहा है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य ने अपनी पहल पर वहां पुलिस भेजी। राज्य ने कहा कि पुलिस ने चार नेताओं को अदालत में ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया।
अगर सीबीआइ को परिसर में सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत महसूस होती तो उसने राज्य से मदद क्यों नहीं मांगी? सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि विशेष सीबीआइ अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य के कानून मंत्री मौजूद थे। राज्य के नए हलफनामे में भी उस आरोप का खंडन किया गया है। गौरतलब है कि नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में टीएमसी के अनेक नेताओं को कैमरे के सामने रिश्वत लेते देखा गया था।