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Narada sting case: बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ दायर चार्जशीट पर जताई आपत्ति

बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पिछले दिनों नारद स्टिंग आपरेशन मामले में राज्य के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी फिरहाद हकीम और विधायक मदन मित्रा के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 07:18 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 07:18 PM (IST)
Narada sting case: बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ दायर चार्जशीट पर जताई आपत्ति
टीएमसी नेताओं के खिलाफ दायर चार्जशीट पर जताई आपत्ति

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पिछले दिनों नारद स्टिंग आपरेशन मामले में राज्य के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और विधायक मदन मित्रा के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि सीबीआइ और ईडी ने उनकी मंजूरी के बिना चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह जनप्रतिनिधियों के नाम चार्जशीट दाखिल करने के मामले में मौजूदा कानून का उल्लंघन है।

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विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि विधायकों या सांसदों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए संबंधित विधानसभा या लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी जरूरी है, लेकिन इस मामले में इसका पालन नहीं किया गया। पूरे मामले को लेकर कल विधानसभा अध्यक्ष की मौजूदगी में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है जिसमें स्पीकर ने स्पष्टीकरण के लिए दोनों जांच एजेंसियों के दो अधिकारियों को तलब करने का फैसला किया है। शीघ्र ही स्पीकर की ओर से पत्र भेजा जाएगा।

बताते चलें कि पिछले दिनों ईडी की विशेष अदालत ने भी सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और मदन मित्रा

के नाम समन जारी किया है। उस समन को स्पीकर के जरिए आरोपितों तक पहुंचाने के लिए विधानसभा भेजा गया था। हालांकि स्पीकर ने यह कहते हुए आरोपितों को समन भेजने से इन्कार कर दिया कि यह विधायिका की जिम्मेदारी नहीं है।

गौरतलब है कि 2016 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारद स्टिंग आपरेशन मामला सामने आया था। नारद न्यूज पोर्टल की ओर से किए गए इस स्टिंग आपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के करीब एक दर्जन मंत्रियों, विधायकों तथा नेताओं को कैमरे के सामने रिश्वत लेते देखा गया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में कोहराम मच गया था।


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