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बंगाल में फुरफरा शरीफ के पीरजादा बनाएंगे मुस्लिम, दलितों और आदिवासियों की पार्टी, 21 जनवरी को नाम का ऐलान

मौलाना का दावा उनका संगठन बंगाल में मुसलमानों दलितों आदिवासियों के लिए एक मंच होगा। बंगाल के हुगली जिले में स्थित मुसलमानों के प्रमुख आस्था का केंद्र फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले नई पार्टी बनाने की घोषणा की है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 12:47 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 08:55 PM (IST)
बंगाल में फुरफरा शरीफ के पीरजादा बनाएंगे मुस्लिम, दलितों और आदिवासियों की पार्टी, 21 जनवरी को नाम का ऐलान
बंगाल के हुगली जिले में स्थित मुसलमानों के प्रमुख आस्था का केंद्र फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के हुगली जिले में स्थित मुसलमानों के प्रमुख आस्था का केंद्र फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले नई पार्टी बनाने की घोषणा की है। 21 जनवरी को इस पार्टी के नाम आदि के बारे में वे औपचारिक घोषणा करेंगे। मुसलमानों, अनुसूचित जाति वर्ग और आदिवासियों को मिला बन रहे इस संगठन से बंगाल की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इस संबंध में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा, 'मैं 21 जनवरी को नए संगठन का शुभारंभ करने जा रहा हूं। यह संगठन बंगाल में मुसलमानों, अनुसूचित जाति वर्ग व आदिवासियों के लिए मंच होगा। पिछले कुछ महीनों में कई आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधि मेरे पास आए। मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेता भी बातचीत के लिए आए। फिलहाल, हम विधानसभा चुनाव में 60-80 सीटें लड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।'

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ऐसी होगी नई पार्टी

गौरतलब है कि फुरफ़ुरा शरीफ के मौलवी को सियासत में खुलकर आने का बड़ा समर्थन तब मिला जब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी एक पखवाड़े पहले उनसे मिलने पहुंचे। उन्होंने सिद्दीकी से मिलकर साथ चुनाव लड़ने पर बातचीत की। इस मुलाकात के बाद सिद्दीकी ग्रामीण उत्तर और दक्षिण 24 परगना एवं पूर्व मेदिनीपुर जिले में आयोजित धार्मिक जलसों में एक नई पार्टी शुरू करने की संभावना जताई।

उत्तर 24 परगना के कदंबगाछी में एक ऐसे जलसे में बोलते हुए सिद्दीकी ने कहा कि उनके ऊपर आरोप लगाया जा रहा है कि वह ओवैसी के क्लोन हैं और तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में जाने वाले अल्पसंख्यक वोटों को बांटकर भाजपा के लिए जीत आसान करने चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान राजनीति में नहीं था। बंगाल में भाजपा को 18 सीटें मिलीं। जब बंगाल में तृणमूल सत्ता में है तो भगवा पार्टी को इतनी सीटें कैसे मिलीं ? हमने वाममोर्चे के शासन के दौरान राज्य में भाजपा को बढ़त बनाते हुए नहीं देखा। हमें तृणमूल ने धोखा दिया है कि हमने भाजपा को खाड़ी में रखने के लिए वोट दिया है।'

'मॉडल निर्वाचन क्षेत्र करेंगे विकसित'

वहीं, मौलवी सिद्दीकी का खुद चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि कुछ प्रमुख मुस्लिम, आदिवासी व अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधि शोषितों की आवाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनाव लड़ें। उन्हें पिछले 73 वर्षों से बंगाल में एक विश्वसनीय आवाज नहीं मिली। हम चाहते हैं कि ये लोग अपने विधानसभा क्षेत्रों को मॉडल निर्वाचन क्षेत्रों में विकसित करें। मुझे बताया गया है कि तृणमूल के पूर्व सांसद अकबर अली खोंडेकर ने एक बार इसे अपने तरीके से आजमाया था।'


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