पुरुलिया में भाजपाकर्मी की हत्या कर पेड़ से टांगा शव
चुनाव संपन्न होने के बाद भी पुरुलिया में हिंसा का दौर जारी है। कथित तौर पर एक भाजपाकर्मी की हत्या का मामला सामने आया है। हत्या के बाद शव को पेड़ से टांग दिया गया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। चुनाव संपन्न होने के बाद भी पुरुलिया में हिंसा का दौर जारी है। कथित तौर पर एक भाजपाकर्मी की हत्या का मामला सामने आया है। हत्या के बाद शव को पेड़ से टांग दिया गया है। वहीं शव के पिछले हिस्से में माओवादी तरीके धमकी भरा पोस्टर चस्पा कर दिया गया है। मृतक भाजपाकर्मी की पहचान त्रिलोचन महतो के रूप में हुई है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले पर भाजपा और तृणमूल ने एक-दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाया है। सीआइडी ने मामले की जांच सीआइडी से कराने की मांग की है। घटना पुरुलिया के बलरामपुर स्थित सुपाड़ी गांव में घटी है।
बुधवार को स्थानीय लोगों ने इलाके में पेड़ से झुलता एक युवक का शव देखा। शव की पहचान दलित भाजपाकर्मी त्रिलोचन महतो के रूप में हुई। तत्पश्चात घटनास्थल पर जिला भाजपा नेताओं व समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। वहीं शव के पिछले हिस्से पर चस्पा एक धमकी भरा पोस्टर भी जब्त किया गया है, जिसमें बांग्ला भाषा में '18 साल में भाजपा की राजनीति' लिखा गया है। साथ ही पार्टी के अन्य नेताओं व कर्मियों को भी धमकी दी गई है। पुलिस ने मौके से एक बैग व मोबाइल फोन भी जब्त किया है। पुलिस के प्राथमिक अनुमान के अनुसार भाजपाकर्मी की पहले बेदम पिटाई की गई। तत्पश्चात गला दबाकर हत्या कर दी गई। मौत होने पर उसके शव को पेड़ से टांग दिया गया।
इस बाबत भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना कि तृणमूल के लोग इसमें शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कल (मंगलवार) ही तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने पुरुलिया को विपक्ष मुक्त करने की बात कही थी। उन्होंने तृणमूल पर लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये प्रतिनिधियों पर जबरन पार्टी बदलने के लिए दबाव बनाने का भी आरोप लगाया। हालांकि तृणमूल ने उक्त आरोप का खंडन किया है। पार्टी ने घटना की सीआइडी जांच की मांग की है।
बता दें कि हालिया पंचायत चुनाव में त्रिलोचन महतो भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उसने चुनाव में जमकर प्रचार-प्रसार किया था। पुरुलिया के चुनावी परिणाम में सत्तापक्ष को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने यहां के जिला परिषद, सभी सात ग्राम पंचायतों और कुल 20 पंचायत समिति में 18 पर जीत दर्ज की है। आरोप है कि चुनावी हार से बौखलाकर कथित तौर पर सत्तापक्ष की ओर से घटना को अंजाम दिया गया है।