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मुकुल तृणमूल से छह साल के लिए निलंबित

ममता बनर्जी के बाद मुकुल रॉय पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा थे, लेकिन पिछले कुछ समय से दोनों नेताओं के संबंध ठीक नहीं चल रहे थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 25 Sep 2017 04:26 PM (IST)Updated: Mon, 25 Sep 2017 05:11 PM (IST)
मुकुल तृणमूल से छह साल के लिए निलंबित
मुकुल तृणमूल से छह साल के लिए निलंबित

कोलकाता, [जागरण संवाददाता]: पार्टी में कभी नंबर दो की हैसियत रखने वाले तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मुकुल राय ने सोमवार को पार्टी छोडऩे की घोषणा कर दी। मुकुल ने बातचीत करते हुए कहा कि वे दुर्गापूजा बाद राज्यसभा की सदस्यता भी छोड़ देंगे।

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उन्होंने सोमवार को तृणमूल कांग्र्रेस कार्यकारिणी समिति से इस्तीफा दिया तो पार्टी ने भी उन्हें निलंबित करने में विलंब नहीं की। कुछ ही घंटे बाद पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने बातचीत में कहा कि राज्यसभा सदस्य मुकुल राय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण तृणमूल कांग्रेस से छह वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया है।

चटर्जी ने कहा 'हम अपनी पार्टी के प्रति सजग हैं। मुकुल ने पार्टी और हमारे नेतृत्व से विश्वासघात किया है। जिसे कोई नहीं जानता था उसे पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सबकुछ दिया। उन्हें राज्यसभा सदस्य ही नहीं रेल मंत्री भी बनाया गया, भला और उन्हें क्या चाहिए? पार्थ ने कहा कि बीते कई सालों से वे पार्टी में रहते हुए भी पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे थे। खुद मैं और सांसद सुब्रत बख्शी ने पहल करते हुए उन्हें दोबारा पार्टी में सोहबत दी लेकिन केंद्रीय एजेंसी की भय के चलते राय हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा के साथ मिलकर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश में जुटे हुए थे जिसकी शिकायत हमने मुखिया ममता बनर्जी से भी की थी। मुकुल द्वारा दुर्गापूजा बाद राज्यसभा सांसद पद छोडऩे पर तंज कसते हुए पार्थ ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिर वे पूजा के नाम पर उक्त पद छोडऩे में विलंब क्यों कर रहे हैं? अब उनसे पार्टी का कोई रिश्ता नहीं है और ऐसा भी नहीं कि पूजा के पहले पद छोडऩे से पूजा में कोई व्यवधान उत्पन्न होने वाला है। 

जानिए कौन हैं मुकुल राय 

ममता बनर्जी के बाद मुकुल रॉय पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा थे, लेकिन पिछले कुछ समय से दोनों नेताओं के संबंध ठीक नहीं चल रहे थे। पिछले दिनों ममता ने मुकुल को कई पदों से हटा कर झटका दिया था। आपको बता दें कि मुकुल रॉय को पार्लियामेंट की स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष (ट्रांसपॉर्ट व टूरिजम) पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को यह जिम्मेदारी दी गई थी।

मुकुल रॉय को पहले ही राज्यसभा में टीएमसी के नेता पद से हटाया जा चुका है। एक समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दाहिना हाथ समझे जानेवाले मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं। यूपीए सरकार के दौरान जब ममता बनर्जी ने रेल मंत्रालय छोड़ा तो मुकुल को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी।

मुकुल राय तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। वह समय भी आया जब रेल मंत्रालय में दिनेश त्रिवेदी को आनन फानन में हटाकर मुकुल रॉय को रेल मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तृणमूल में मुकुल की हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बगैर इनके इशारे के पार्टी में किसी को टिकट भी नहीं मिलता था। 

मुकुल के इस्तीफे के बहाने भाजपा महासचिव ने ममता पर साधा निशाना 

पूर्व रेल मंत्री व वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय द्वारा तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दिए जाने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर करारा हमला बोला है। मुकुल के इस्तीफे के तुरंत बाद सोमवार को उन्होंने ट्विट कर कहा कि तृणमूल कांग्रेस की स्थापना करने वाले वरिष्ठ नेता रॉय ने ममता बनर्जी की तानाशाही और तुष्टीकरण की नीति के खिलाफ तृणमूल को अलविदा कह दिया है। उन्होंने कहा, जब फाउंडर मेंबर ही वर्तमान नेतृत्व से नाखुश होकर पार्टी छोड़ रहे हैं, ऐसे में तृणमूल का भविष्य क्या होगा अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। 

उल्लेखनीय है कि कभी तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले मुकुल रॉय ने आखिरकार सोमवार को तृणमूल छोड़ने का ऐलान किया। राज्यसभा सांसद पद से भी उन्होंने दुर्गा पूजा के बाद इस्तीफा देने की बात कहीं।


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