तृणमूल में अलग-थलग पड़े मुकुल राय
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : एक समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद तृणमूल में सेकेंड इन कमान समझे जान
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : एक समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद तृणमूल में सेकेंड इन कमान समझे जाने वाले मुकुल राय आज पार्टी में पूरी तरह हाशिये पर आ गए हैं और अलग-थलग पड़ चुके हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि मुकुल पाला बदल कर भाजपा में जा सकते हैं इसलिए ममता उनसे दूरियां बढ़ाती जा रही हैं। पार्टी में वैसे कहने को तो मुकुल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं लेकिन उनसे एक-एक सारी जिम्मेदारियां छीन ली गई हैं। संसद की स्थायी समिति से लेकर पार्टी में चुनाव संबंधी कामकाज देखने की सभी जिम्मेदारियां छीन कर ममता ने अपने विश्वासपात्र नेताओं को सौंप दिया है। तृणमूल कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक में मुकुल के पास ममता का विश्वास जीतने का एक मौका था लेकिन वह पार्टी में वफादार बनने को लेकर ममता को आश्वस्त नहीं कर सके। ममता ने व्यक्तिगत तौर पर उन्हें सीधे कुछ नहीं कहा लेकिन पार्टी की बैठक में साफ कर दिया कि तृणमूल में रहकर भाजपा के साथ लुकाछिपी का खेल नहीं चलेगा। ऐसे लोग तुरंत भाजपा में चले जाएं। मुख्यमंत्री ने खुलकर किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन समझा जाता है कि उन्होंने मुकुल के संदर्भ में ही यह बातें कही हैं। सूत्रों के मुताबिक मुकुल ने भी इसपर मुख्यमंत्री के समक्ष सफाई देने की कोई जरूरत नहीं समझी। इससे उन्हें लेकर पार्टी में जो संदेह है, वह और पुख्ता हो गया।
ममता ने कोर कमेटी की बैठक बुलाकर अभी से ही पंचायत चुनाव की तैयारी करने का निर्देश पार्टी के नेताओं को दिया है। अच्छा काम नहीं करने वाले अपने कुछ नेताओं का नाम लेकर ममता ने फटकार भी लगाई। कुछ नेताओं को पार्टी की सांगठनिक व पंचायत चुनाव संबंधी जिम्मेदारी भी सौंपी लेकिन मुकुल को कोई काम नहीं दिया।
पहले यह माना जा रहा था कि मुकुल ममता का विश्वास जीतने में सफल हो जाते हैं तो उन्हें सबंग से विधानसभा का उपचुनाव जिताकर मंत्री बनाया जा सकता है। मानस भुइयां के इस्तीफा देकर राज्यसभा में जाने से सबंग विधानसभा सीट रिक्त हुई है लेकिन जिस तरह मुकुल पार्टी में अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं, उससे उनके ममता मंत्रिमंडल में शामिल होने पर भी संदेह पैदा हो गया है।