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Bengal में दलबदल के खिलाफ विधानसभा में सुनवाई पर नहीं पहुंचे मुकुल, आगामी सोमवार को भाजपा जा सकती है हाई कोर्ट

भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल को लेकर विधानसभा में चल रही सुनवाई में फिर से मुकुल राय अनुपस्थित रहे। विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने स्पीकर बिमान बनर्जी को पत्र सौंपकर मुकुल के सुनवाई में हाजिर नहीं होने की वजह बताई।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 08:31 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 08:31 PM (IST)
Bengal में दलबदल के खिलाफ विधानसभा में सुनवाई पर नहीं पहुंचे मुकुल, आगामी सोमवार को भाजपा जा सकती है हाई कोर्ट
भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए मुकुल राय की विधायकी रद्द करने का मामला

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल को लेकर विधानसभा में चल रही सुनवाई में फिर से मुकुल राय अनुपस्थित रहे। विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने स्पीकर बिमान बनर्जी को पत्र सौंपकर मुकुल के सुनवाई में हाजिर नहीं होने की वजह बताई। इसे लेकर नेता विपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का यह पत्र हमारे लिए एक बड़ा हथियार है। स्पीकर ने गुरुवार को मुकुल के दलबदल विरोधी मामले पर सुनवाई के लिए सभी पक्षों को बुलाया था।

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सुवेंदु कल्याणी के पार्टी विधायक अंबिका राय व अधिवक्ताओं के साथ दोपहर करीब एक बजे विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर में पहुंचे थे। वहां करीब आधे घंटे तक सुनवाई चली। सुनवाई के दौरान ही सुवेंदु को मुकुल की स्थिति के बारे में जानकारी मिली। मुकुल की अनुपस्थिति में ही स्पीकर ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 12 नवंबर का दिन मुकर्रर कर दिया।

स्पीकर को संबोधित करते हुए तृणमूल के मुख्य सचेतक ने कुछ दिन पहले पत्र में लिखा था कि मुकुल बीमारी के कारण सुनवाई में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। उनका इलाज चल रहा है। इसलिए 23 सितंबर उनकी उपस्थिति संभव नहीं है। भाजपा विधायक दल तृणमूल के मुख्य सचेतक के मुकुल के पक्ष में लिखा गया यह पत्र उनके विधायक पद की बर्खास्तगी के लिए बड़ा हथियार मान रहे हैं। सुवेंदु ने कहा कि मुकुल राय ने आज सबूत दे दिया है कि वह तृणमूल विधायक दल के सदस्य हैं। खुद मुकुल ने पत्र देकर नहीं आने की वजह नहीं बताई है, बल्कि उनकी ओर सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने स्पीकर को पत्र दिया है।

सुवेंदु ने कहा कि इसके बाद सब कुछ साफ हो गया है। इसीलिए अध्यक्ष के फैसले का वे ज्यादा इंतजार नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर विधानसभा के दलबदल विरोधी एक मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि संबंधित विधानसभा अध्यक्ष को तीन महीने के भीतर फैसला सुनाना होगा। ऐसे में भाजपा दलबदल करने वाले हर विधायक के लिए एक निश्चित अवधि तक इंतजार करना चाहती है। यदि स्पीकर निर्धारित समय के भीतर निर्णय नहीं लेते हैं, तो भगवा दल अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

सुवेंदु ने कहा कि वे मुकुल के विधायक पद खारिज कराने के लिए आगामी सोमवार को अदालत जा सकते हैं। बिष्णुपुर के विधायक तन्मय घोष और बागदा के विधायक विश्वजीत दास के तृणमूल में शामिल होने को लेकर भाजपा की ओर से पहले ही उनके विधायक पद खारिज करने की मांग करते हुए स्पीकर को आवेदन किया जा चुका है। ऐसे में भाजपा एक निश्चित समय तक इंतजार करेगी। रिजल्ट नहीं आने पर वे इस मामले में भी कोर्ट जाएंगे। बता दें कि गुरुवार को मुकुल मामले में विधानसभा में चौथी सुनवाई थी।


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