कन्याश्री परियोजना में नामांकित हुई 57 लाख से अधिक लड़किया
- कन्याश्री के कारण बाल तस्करी की घटनाओं में आई गिरावट विशेषज्ञ - 56 लाख से अधिक लाभाि
- कन्याश्री के कारण बाल तस्करी की घटनाओं में आई गिरावट : विशेषज्ञ
- 56 लाख से अधिक लाभार्थियों को आर्थिक मदद की स्वीकृत एक नजर - महिला व बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार उत्तर 24 परगना में कन्याश्री में सबसे अधिक नामांकन 5,49,415 हुए हैं तो वहीं इस सूची में दूसरे स्थान पर दक्षिण 24-परगना है, जहां से कुल 5,28,156 लड़कियों को नामांकित किया गया है व तीसरे स्थान मुर्शिदाबाद है, जहां से 5,26,482 लड़कियों के नाम इस सूची में शामिल हैं तो कोलकाता में 1,46,592 की नामाकन संख्या है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : कन्याश्री परियोजना के लिए कुल बजट प्रावधान अब तक 7,588.90 करोड़ रुपये हैं, जिसमें से 7,237.28 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसकी जानकारी राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने दी। उन्होंने बताया कि 57 लाख से अधिक लड़कियों को कन्याश्री के तहत नामाकित किया गया है और 56 लाख से अधिक लाभार्थियों को आर्थिक मदद की स्वीकृत पहले ही दी जा चुकी है। महिला व बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार उत्तर 24 परगना में कन्याश्री में सबसे अधिक नामांकन 5,49,415 हुए हैं तो वहीं इस सूची में दूसरे स्थान पर दक्षिण 24 परगना है, जहां से कुल 5,28,156 लड़कियों को नामांकित किया गया है व तीसरे स्थान मुर्शिदाबाद है, जहां से 5,26,482 लड़कियों के नाम इस सूची में शामिल हैं। वहीं कोलकाता में 1,46,592 की नामाकन संख्या है। साल 2013 में शुरू हुई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस महत्वाकांक्षी सशर्त नकद हस्तातरण परियोजना का उद्देश्य राज्य में बेटियों की स्थिति में सुधार व सभी किशोरियों की स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही बाल विवाद जैसी विकट समस्या की रोकथाम को अग्रसर होना है। परियोजना के तहत लड़कियों को वार्षिक छात्रवृत्ति के रूप में एक हजार रुपये के साथ ही एकमुश्त 25 हजार रुपये अनुदान के तौर पर मुहैया कराए जाते हैं। वार्षिक छात्रवृत्ति 13 से 18 वर्ष की अविवाहित लड़कियों के लिए है, जिन्हें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नियमित या समकक्ष ओपन स्कूल या समकक्ष व्यावसायिक या तकनीकी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में आठवीं-बारहवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान प्रदान की जाती है। हालांकि, एकमुश्त अनुदान उन लड़कियों के लिए है, जो आवेदन के समय 18 वर्ष की हो गई हो और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नियमित या ओपन स्कूल, कॉलेज, व्यावसायिक व तकनीकी प्रशिक्षण या फिर खेल गतिविधि में सक्रिय हो। इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन एक्ट 2000 के तहत पंजीकृत किशोरी कैदी को भी उक्त अनुदान की राशि प्रदान की जाती है। साथ अब कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर पर भी छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है। इस परियोजना के तहत विश्वविद्यालय स्तर पर कला की छात्राओं को 2,000 रुपये और विज्ञान की छात्राओं को 2,500 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आकड़ों से पता चला है कि 2017 में बंगाल में बाल तस्करी के मामलों की संख्या घटकर 299 हो गई है तो वहीं 2012 में यह आकड़ा 4,168 था। इधर, विशेषज्ञों की मानें तो कन्याश्री परियोजना के कारण ही बाल तस्करी की घटनाओं में गिरावट आई है। गौर हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को साल 2017 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने सम्मानित किया था। इसी साल अक्टूबर माह में मुख्यमंत्री ने नदिया जिले में कन्याश्री विश्वविद्यालय व प्रत्येक जिले में कन्याश्री कॉलेज स्थापना की भी बात कही थीं।