प्रयागराज की तरह गंगासागर कब आएंगे मोदी, सालों से जोह रहे प्रधानमंत्री के आने की बाट
पीएम मोदी अर्द्ध कुम्भ को लेकर कई बार प्रयागराज जा चुके हैं। गंगासागर मेला कुम्भ के बाद देश में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है।
गंगासागर, विशाल श्रेष्ठ। प्रयागराज में आयोजित होने वाले अर्द्ध कुम्भ मेले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार तक सक्रिय है, लेकिन इससे उलट पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप में चल रहे गंगासागर मेले को लेकर ममता सरकार जितनी तत्पर है, केंद्र सरकार का रवैया उतना ही उदासीन दिख रहा है। वैसे यह किस्सा हर बार का ही है।
गंगासागर में इन दिनों जहां बंगाल सरकार के कई मंत्री डेरा डालकर सारी व्यवस्था देख रहे हैं, वहीं केंद्र का कोई मंत्री तो क्या, प्रतिनिधि तक अब तक यहाँ नहीं पहुंचा है। इसे लेकर 1,60,000 से थोड़ी ज्यादा आबादी वाले इस पुण्य धाम के निवासियों में निराशा है। उनका प्रश्न है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब प्रयागराज जा सकते हैं, तो क्या गंगासागर क्यों नहीं आ सकते?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी 24 जनवरी को अर्द्ध कुम्भ मेले का दौरा कर सकते हैं। उनके अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी 15 जनवरी से 4 मार्च तक चलने वाले अर्द्ध कुम्भ मेले में विभिन्न समय पहुंचेंगे। पीएम मोदी ने पिछले साल दिसंबर में भी प्रयागराज का दौरा कर अर्द्ध कुम्भ मेले के लिए नए एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन किया था। उन्होंने अर्द्ध कुम्भ के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की भी शुरुआत की थी। पीएम मोदी ने उस मौके पर कहा था कि अर्द्ध कुम्भ आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सारी व्यवस्था की जाएगी।
इतना ही नहीं, उन्होंने पिछले साल मई में अपने इंडोनेशिया दौरे के समय वहां रह रहे प्रवासी भारतीयों को भी अर्द्ध कुम्भ में आने का आह्वान किया था। हर साल गंगासागर आने वाले पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सवाल उनसे नहीं, बल्कि भाजपा के नेताओं से पूछना चाहिए।
वहीं गंगासागर स्थित कपिल मुनि मंदिर के महंत ज्ञानदासजी महाराज कई बार केंद्र सरकार पर गंगासागर मेले की उपेक्षा करने का आरोप लगा चुके हैं। 224.3 किलोमीटर पर फैले गंगासागर के कालीनगर इलाके के वाशिंदा जयराम मंडल ने कहा-प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं। नरेंद्र मोदी अर्द्ध कुम्भ को लेकर कई बार प्रयागराज जा चुके हैं। गंगासागर मेला कुम्भ के बाद देश में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। हमारे प्रधानमंत्री को पिछले साढ़े चार सालों में एक बार गंगासागर जरूर आना चाहिए था। वहीं रुद्रनगर के रहने वाले एक वाशिंदे ने कहा कि सागर मेले को लेकर बंगाल भाजपा की भी कोई सक्रियता नहीं दिखती।
इस बारे में पूछे जाने पर बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने कहा-बंगाल की सत्ता पर आसीन तृणमूल कांग्रेस ने गंगासागर मेले को पूरी तरह हाईजैक करके रखा हुआ है। वह इतने बड़े आयोजन को लेकर विपक्षी दलों से कभी किसी तरह का सलाह-मशविरा नहीं करती और न ही किसी को वहां कुछ करने देती है। उसने वहां एकाधिकार जमा रखा है। हालांकि कोलकाता के आउट्राम घाट में लगने वाले गंगासागर तीर्थयात्री सेवा शिविर में बंगाल भाजपा के नेता-कार्यकर्ता हमेशा सक्रिय रहते हैं। मैंने खुद पिछले दिनों वहां जाकर तीर्थयात्रियों का हाल-चाल पूछा था।
केंद्र सरकार के किसी मंत्री या प्रतिनिधि के गंगासागर नहीं आने पर उन्होंने कहा कि वे इस बाबत केंद का ध्यान आकृष्ट करेंगे।
गंगासागर जाने के लिए सेतु की मांग उठाएंगे नेताजी के प्रपौत्र
आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र एवं बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस आसानी से गंगासागर जाने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष मूड़ीगंगा में सेतु के निर्माण की मांग उठाएंगे। दैनिक जागरण से बातचीत में बोस ने कहा-यह गंगासागर के स्थानीय लोगों के साथ-साथ देशभर से आने वाले तीर्थयात्रियों की दीर्घकालीन मांग है। वहां सेतु बनना बेहद जरूरी है। वे इसे जल्द केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे।