स्वास्थ्य मंत्री ने ममता सरकार के आरोपों को नकारा, कहा- फंडिंग को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं करता केंद्र
ममता सरकार की ओर से बंगाल में मेडिसीन पर तीन साल के डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की संभावनाएं तलाशे जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्हें राज्य से इस बाबत कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। वैसे भी पांच साल के एमबीबीएस कोर्स से पर्याप्त डॉक्टर मिल रहे हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ममता सरकार के उस आरोप को सिरे से खारिज किया है कि केंद्र राज्यों को फंड जारी करने के मामले में भेदभाव करता है। यहां सोमवार को मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल का ब्योरा पेश करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र फंडिंग को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं करता, बल्कि सबको समान नजरिए से देखता है।
'बंगाल में किसकी सरकार है, यह मायने नहीं रखता'
उन्होंने कहा कि उसके लिए यह मायने नहीं रखता कि बंगाल में किसकी सरकार है। वह सभी का विकास चाहता है और हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि आर्थिक तौर पर किसी को समस्या न हो। ममता सरकार की ओर से बंगाल में मेडिसीन पर तीन साल के डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की संभावनाएं तलाशे जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्हें राज्य से इस बाबत कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। वैसे भी पांच साल के एमबीबीएस कोर्स से पर्याप्त डॉक्टर मिल रहे हैं।
300 से अधिक बेड वाले अस्पताल मेडिकल कालेज का दर्जा पाने के लिए करें आवेदन
मांडविया ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि 300 से अधिक बेड वाले सरकारी व निजी अस्पताल केंद्र के पास मेडिकल कालेज का दर्जा पाने के लिए आवेदन करें। जिनकी आधारभूत संरचना अच्छी होगी, उनपर विचार किया जाएगा। मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार के कोविड मैनेजमेंट और कोरोना टीकाकरण अभियान की आज दुनिया तारीफ कर रही हैं। पिछले हफ्ते वे जिनेवा में आयोजित हुए वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में शामिल हुए थे। वहां इसे लेकर काफी चर्चा हो रही थी।
मोदी सरकार ने बंगाल के साथ कभी भेदभाव नहीं किया: मजूमदार
बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी कहा कि मोदी सरकार ने बंगाल के साथ कभी भेदभाव नहीं किया। सड़कों के निर्माण से लेकर घरों में पेय जल पहुंचाने तक सभी में केंद्र ने राज्य की पूरी मदद की है। बंगाल में नए हाइवे के निर्माण के लिए भी कभी फंड नहीं रोका गया।